लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने एकेडमिक रिसोर्स पर्सन (एआरपी) के मामले में बेसिक शिक्षा के अपर मुख्य सचिव को आदेश दिया कि एआरपी पद पर कार्यरत कर्मचारियों के आवेदनों पर जल्द निर्णय लें। न्यायमूर्ति अब्दुल मोईन की एकल पीठ ने यह आदेश सुशील कुमार द्विवेदी, विवेक तिवारी व अन्य कर्मियों की याचिका पर दिया।
याचियों की ओर से कहा गया कि 10 अक्तूबर 2024 को शासनादेश जारी कर तीन साल से कार्यरत लगभग चार हजार एआरपी को आगे होने वाली परीक्षा में
शामिल होने से रोका गया है, जोकि कानून की मंशा के खिलाफ है। कोर्ट ने मामले में याचियों को तीन दिन में आवेदन करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि एआरपी पदों के लिए नया विज्ञापन जारी करने से पहले, विभाग को वर्तमान कर्मचारियों के आवेदनों पर निर्णय लेना होगा। कोर्ट के इस आदेश से मौजूदा एआरपी कर्मियों के हितों की रक्षा के साथ राहत मिली है। संवाद