, लखनऊ प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा की ओर से पारस्परिक स्थानांतरण नीति जारी कर दी है, इसके साथ ही अतः जनपदीय पारस्परिक तबादले की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस नीति के तहत स्थानांतरण होने के बाद शिक्षक आवेदन वापस नहीं ले सकेंगे। पारस्परिक स्थानांतरण नीति के अनुसार स्थानांतरण विद्यालय स्तर पर ही किया जाएगा। इसके लिए जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान (डीआईईटी) प्राचार्य की अध्यक्षता में प्रत्येक जिले में समिति का गठन किया गया है।
शैक्षिक सत्र में दो बार गर्मियों और सर्दियों के छुट्टियों के दौरान स्थानांतरण किए जाएंगे। जिन शिक्षकों को पारस्परिक स्थानांतरण करना है उन्हें ऑनलाइन आवेदन करना होगा। कक्षा 1 से 5 तक के शिक्षकों के स्थानांतरण में विषय की बाध्यता नहीं होगी। कक्षा 6 से 8 तक विषय से संबंधित शिक्षक ही आपस में पारस्परिक स्थानांतरण के लिए आवेदन कर सकते हैं।
ग्रामीण क्षेत्र से ग्रामीण और शहरी क्षेत्र से शहरी के स्थानांतरण ही होंगे। इसके लिए समय सीमा निर्धारित की जाएगी।
» समायोजन के लिए प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षक ले रहे सोशल मीडिया प्लेटफार्म का सहारा
» कक्षा 1 से 5 तक विषय की बाध्यता नहीं, 6 से 8 तक की कक्षाओं के शिक्षकों का विषय के अनुसार होगा स्थानांतरण
शिक्षकों के पारस्परिक स्थानांतरण का नीति जारी होते ही शिक्षक अपने विषय के जोड़ीदार की तलाश शुरू कर दिए हैं। इसके लिए शिक्षक वाट्सएप, फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर संदेश डाल रहे हैं। किस ब्लॉक से कौन कहां जाना चाहता है, इसकी इच्छा जताई जा रही है। शिक्षक अपने-अपने स्कूलों की स्थिति भी संदेश में बता रहे हैं।
इस तरह होगा स्थानांतरण : बेसिक शिक्षक अधिकारी शिक्षकों का ब्योरा मानव संपदा पोर्टल पर अपलोड करेंगे। उसके बाद पारस्परिक स्थानांतरण के लिए ऑनलाइन आवेदन की तिथि जारी की जाएगी।
ऑनलाइन आवेदन के 15 दिन में उसका प्रिंट आउट बीएसए कार्यालय में जमा करना होगा। एक माह के भीतर बीएसस द्वारा सत्यापन किया जाएगा और बैठक बुलाई जाएगी। अगले 15 दिन बाद आपत्तियां समिति के समक्ष प्रस्तुत की जाएंगी