लखनऊ : इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने कहा है कि यूपी पुलिस रेडियो अधीनस्थ सेवा नियमावली 2015 के मौजूदा नियमों के तहत केवल डिप्लोमाधारक इंजीनियर ही हेड आपरेटर हेड आपरेटर मैकेनिक के पद पर नियुक्ति के लिए आवेदन करने के हकदार हैं। इन नियमों के तहत डिग्रीधारक इंजीनियरों को आवेदन करने का अधिकार नहीं है। छह जनवरी, 2022 को 936 पदों पर भर्ती के लिए जारी नियमों में पुलिस भर्ती बोर्ड द्वारा बदलाव कर डिग्रीधारक इंजीनियरों को भी आवेदन करने का हकदार मान लेने के आदेश को कोर्ट ने बिना अधिकार का आदेश माना है। कोर्ट
ने पूरी भर्ती प्रकिया रद कर दी है। हालांकि कोर्ट ने राज्य सरकार से कल्प है कि यदि वह चाहे तो भर्ती नियमों में बदलाव करके नए सिरे से भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ कर सकती है। कोर्ट ने करप कि जो अभ्यर्थी भर्ती प्रक्रिया में आवेदन करने के योग्य होंगे, उन्हें आयुसीमा में छूट प्रदान की जाए।
यह फैसला जस्टिस आलोक माथुर की एकल पीठ ने रवि कुमार शुक्ला व अन्य डिग्रीधारक इंजीनियरों की ओर से दाखिल रिट याचिकाओं को मंजूर करते हुए पारित किया। डिग्रीधारी बाचियों ने पुलिस भर्ती बोर्ड के 23 अप्रैल, 2024 के एक आदेश को चुनौती दी थी। कहा गया था कि हेड आपरेटर/
हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने कहा, हेड आपरेटर के लिए केवल डिप्लोमाधारक इंजीनिवर ही योग्य • विना नियमों में बदलाव किए डिग्रीधारकों को नहीं दे सकते भर्ती प्रकिया में मौका
हेड आपरेटर मैकेनिक के पदों पर भर्ती के लिए विभाग ने छह जनवरी, 2022 को विज्ञापन निकाला था, जिसमें डिप्लोमाधारक इंजीनियरों या उनके समकक्ष अभ्यर्थियों को आवेदन करने का अधिकार दिया गया आ।
गौरतलब है कि बोर्ड ने
25 अगस्त, 2021 को एक आदेश जारी कर कहा था कि डिग्रीधारक इंजीनियरों की योग्यता डिप्लोमाधारकों के समकक्ष है, जिस कारण छह जनवरी, 2022 के विज्ञापन के क्रम में बड़ी संख्या में डिग्रीधारकों ने भी आवेदन कर दिया। बाद में भर्ती प्रकिया जारी
शीघ्र कराई जाएगी भर्ती
उम्र पुलिस भर्ती व प्रोन्नति बोर्ड के अध्यक्ष राजीव कृष्ण का कहना है कि उच्च न्यायालय के आदेश का अध्ययन किया जा रहा है। शीघ्र अति शीघ्र भर्ती प्रक्रिया की जाएगी। पिछली भर्ती में शामिल रहे डिप्लोमाधारकों के हितों का भी ध्यान रखा जाएगा।
रहने के दौरान बोर्ड ने एक अप्रैल, 2024 को एक अन्य आदेश जारी कर कह दिया कि डिग्री की योग्यता डिप्लोमाधारकों से बड़ी है। बोर्ड ने फिर से 23 अप्रैल, 2024 को एक आदेश जारी कर कहा कि चार वर्षीय डिग्रीधारक इंजीनियर इस भर्ती प्रक्रिया में
आवेदन के हकदार नहीं है। बोर्ड ने 23 अप्रैल, 2024 को आदेश जारी कर डिग्रीधारक इंजीनियरों को भर्ती में शामिल किए जाने पर रोक लगा दी थी। इसके बाद याचियों ने हाई कोर्ट का रुख किया था। सारी परिस्थितियों पर गौर करने के बाद कोर्ट ने पाया कि मौजूदा नियमों के तहत केवल डिप्लोमाधारक ही आवेदन के हकदार थे। किंतु बोर्ड के अनावश्यक व बिना अधिकार हस्तक्षेप के कारण पूरी भर्ती प्रक्रिया की निष्पक्षता ही संदेह के घेरे में आ गई है। कोर्ट ने कहा कि इस भर्ती प्रक्रिया में 75 प्रतिशत तो डिग्रीधारक हैं, जिन्हें आवेदन का अधिकार नहीं था। ऐसे में पूरी भर्ती प्रक्रिया नए सिरे से कराई जाए।