TRAI Sim Rule: 20 रुपये में 4 महीने एक्टिव रहेगा सिम, Jio, Airtel, BSNL और Vi यूजर्स की टेंशन हुई खत्म*✅
बहुत से ऐसे यूजर्स होते हैं जो दो सिम कार्ड इस्तेमाल करते हैं। आमतौर पर एक सिम का इस्तेमाल नियमित कॉलिंग और डेटा एक्सेस करने के लिए किया जाता है। जबकि दूसरी सिम मुश्किल समय में बैकअप के तौर पर काम करती है। सेकेंडरी सिम का इस्तेमाल बहुत कम किया जाता है। लेकिन फिर भी इसे एक्टिव रखने के लिए महंगे प्लान लेने पड़ते हैं। हालांकि, पिछले जुलाई में रिचार्ज प्लान की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद कई लोगों को अपने सेकेंडरी सिम को यूज करना मुश्किल लगने लगा।
लेकिन अब ट्राई ने दो सिम रखने वाले यूजर्स के लिए नया नियम बना दिया है। TRAI कंज्यूमर हैंडबुक के अनुसार, अगर किसी सिम कार्ड का इस्तेमाल 90 दिनों से ज्यादा समय तक नहीं किया गया है, तो उसे डिएक्टिवेट माना जाता है यानी लगभग तीन महीने बाद।
कटेंगे मात्र 20 रुपये
अगर कोई सिम 90 दिनों तक डिएक्टिवेट रहता है और उसमें अभी भी प्रीपेड बैलेंस है, तो सिम के एक्टिवेशन को अतिरिक्त 30 दिनों के लिए बढ़ाने के लिए 20 रुपये काटे जाएंगे। अगर बैलेंस नहीं है तो सिम पूरी तरह डिएक्टिवेट माना जाएगा। जिससे कॉल करना/ रिसीव करना या इंटरनेट एक्सेस करना मुश्किल है। डिएक्टिवेट होने के बाद सिम से जुड़े नंबर को रीसाइकिल किया जाएगा और नए यूजर के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।
90 दिनों के बाद क्या होगा?
अगर कोई व्यक्ति अपने सेकेंडरी सिम को भूल जाता है और 90 दिनों तक उसका इस्तेमाल नहीं होता है, तो अलार्म की कोई जरूरत नहीं है। सिम को फिर से चालू करने के लिए 15 दिनों का ग्रेस पीरियड होता है। इस दौरान यूजर अपने सिम को तुरंत फिर से चालू करने में सहायता के लिए कस्टमर सर्विस से संपर्क कर सकते हैं या कंपनी के स्टोर पर जा सकते हैं।
राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन 2.0 लॉन्च
संचार साथी ऐप को हाल ही में लॉन्च किया गया है। इसके साथ ही ज्योतिरादित्य सिंधिया ने राष्ट्रीय ब्रॉडबैंड मिशन 2.0 भी लॉन्च किया। उन्होंने कहा कि मिशन 2.0 का प्राथमिक उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर 100 ग्रामीण परिवारों में से कम से कम 60 को ब्रॉडबैंड संपर्कता की सुविधा मिल सके।
इस मिशन से तहत वर्ष 2030 तक 2.70 लाख गांवों में ऑप्टिकल फाइबर केबल संपर्कता का विस्तार करना और ग्रामीण इलाके के सभी स्कूल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, आंगनवाड़ी केंद्र और पंचायत कार्यालयों जैसे 90 प्रतिशत संस्थाओं को ब्रॉडबैंड से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है।