देवरिया। सरकारी स्कूलों के छात्रों के लिए अपार आईडी का निर्माण तेज़ी से पूरा करने को लेकर शासन द्वारा लगातार निर्देश जारी किए जा रहे हैं। हालाँकि, जिले में इस दिशा में विभागीय प्रयासों के बावजूद अपेक्षित सफलता नहीं मिल पा रही है। इसी क्रम में, लापरवाही बरतने वाले 271 प्रधानाध्यापकों के वेतन को रोकने के आदेश जारी हुए हैं। राज्य परियोजना निदेशक ने सभी सरकारी व निजी विद्यालयों के प्रधानाचार्यों को निर्धारित समयसीमा में छात्रों की अपार आईडी बनाने का निर्देश दिया है।
एक देश-एक छात्र योजना के तहत आधार कार्ड की तर्ज पर तैयार होने वाली इस आईडी पर शिक्षा विभाग का मुख्य फोकस है। इसका उद्देश्य यह है कि छात्रों को देश के किसी भी स्कूल में प्रवेश लेते समय समस्याओं का सामना न करना पड़े। साथ ही, इस आईडी को डिजी लॉकर से जोड़कर छात्र अपने सभी शैक्षणिक प्रमाणपत्र सुरक्षित रख सकेंगे। नवंबर 2024 तक इसे अनिवार्य बनाने के लक्ष्य के बावजूद, अब तक मात्र 50% आईडी ही जनरेट हो पाई हैं।
हालिया समीक्षा में खुलासा हुआ है कि परिषदीय स्कूलों में प्रगति कुछ बेहतर है, लेकिन निजी स्कूल इस मामले में काफी पिछड़े हुए हैं। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि आदेश जारी होने के दो महीने बाद भी निजी संस्थानों में आईडी निर्माण की गति चिंताजनक रूप से धीमी है। इस टालमटोल के चलते अब प्रशासन ने सख्त कदम उठाते हुए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है।