कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) अपने सदस्यों को व्यापक बैंकिंग जैसी सुविधा देने की दिशा में काम कर रहा है। इसके तहत ईपीएफओ सदस्यों का आपात स्थिति में सीधे पीएफ खाते से राशि निकालने की सहूलियत देने पर विचार चल रहा है। इसके लिए उन्हें किसी तरह की कागजी कार्रवाई नहीं करनी पड़ेगी। रकम निकासी की सीमा निर्धारित की जाएगी।
बताया जा रहा है कि इसको लेकर ईपीएफओ के अधिकारी श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के साथ मिलकर वित्त मंत्रालय, रिजर्व बैंक समेत अन्य बैंकों की साथ विचार-विमर्श कर रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि जनवरी के अंतिम सप्ताह या फरवरी में ईपीएफओ अपने आईटी सिस्टम 3.0 पर काम शुरू कर देगा। आईटी सिस्टम में बदलाव वित्त मंत्रालय, केंद्रीय रिजर्व बैंक और अन्य बैंकों की सिफारिशों के अनुकूल किया जाएगा। इसे लेकर ईपीएफओ को अभी तक कई तरह के सुझाव मिले हैं।
सभी बैंकों से लिंक होगा पीएफ खाता
इसके लिए ईपीएफओ को सभी प्रमुख बैंकों को यूएएन के साथ लिंक करना होगा, जिससे खाते में धनराशि हस्तांतरित करनी आसान होगी। ध्यान रहे कि जून तक आईटी सिस्टम 3.0 का काम पूरा होना है, जिसके तहत सभी प्रमुख वित्तीय संस्थाओं के सुझाव लिए जा रहे है, जिससे कि बेहतर सुधार किया जा सके।
अलग कार्ड से बोझ बढ़ेगा
एक सुझाव यह भी मिला है कि अगर ईपीएफओ अलग से कोई एटीएम कार्ड जारी करता है तो उसके लिए काफी बदलाव करने होंगे। रिजर्व बैंक से बैंकिंग लाइसेंस समेत अन्य अनुमति भी लेनी पड़ सकती है। ऐसी स्थिति में ज्यादा श्रमशक्ति की जरूरत होगी। इसलिए सूत्रों का कहना है कि पहले सुझाव की दिशा में गंभीरता से काम चल रहा है। ईपीएफओ का उद्देश्य लोगों की पीएफ खाते में जमा धनराशि की आपात व अन्य परिस्थिति में निकासी को आसान बनाना है।
ऐसी होगी नई व्यवस्था
ईपीएफओ को जो सुझाव मिले हैं, उनमें कहा गया है कि संगठन कोई नया कार्ड जारी न करे, बल्कि अपने सदस्यों को ईपीएफओ खाते से एक निर्धारित रकम आपात स्थिति में निकालने की सीधे अनुमति दे। इसके लिए सदस्य पोर्टल व ऐप के माध्यम से यूएएन और पासवर्ड के साथ लॉगिन कर निर्धारित धनराशि तुरंत अपने बैंक खाते में ट्रांसफर कर सकें। इसके बाद बैंक डेबिट कार्ड, नेट बैंकिंग या यूपीआई के माध्यम से धनराशि का इस्तेमाल कर सकेंगे। यह सिस्टम बैंकिंग की तर्ज पर काम कर सकेगा।
निकासी शर्तें नहीं बदलेंगी
ईपीएफओ से जुड़े अधिकारी पहले से स्पष्ट कर चुके हैं कि आईटी 3.0 के तहत निकासी से जुड़े सिस्टम को आसान बनाया जाएगा। आपात स्थिति में होने वाली निकासी सदस्य आसानी से कर पाएंगे, जिसके लिए उन्हें कोई झंझट नहीं होगा। शादी, घर बनाने और शिक्षा जैसे कामों के लिए भी निर्धारित सीमा के तहत धनराशि निकल सकेंगे, इसलिए निकासी से जुड़ी धनराशि के नियमों में कोई बदलाव नहीं होगा।