● ईपीएफओ सदस्य खुद कर सकेंगे अपनी निजी जानकारियों में बदलाव
नई दिल्ली, । ईपीएफओ सदस्य अब अपनी निजी जानकारियों में खुद बदलाव कर सकेंगे। यह सुविधा शनिवार से शुरू हो गई है। सेवानिवृत्ति कोष निकाय ईपीएफओ के 7.6 करोड़ से अधिक सदस्यों कोई भी जानकारी में बदलाव के लिए अब नियोक्ता द्वारा किसी सत्यापन या ईपीएफओ की मंजूरी की जरूरत नहीं होगी।
इसी तरह कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के ई-केवाईसी ईपीएफ खाते (आधार से जुड़े) वाले सदस्य, नियोक्ता के हस्तक्षेप के बिना आधार ओटीपी के साथ ईपीएफ हस्तांतरण दावे ऑनलाइन दर्ज कर सकते हैं।
केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मंडाविया ने शनिवार को ईपीएफओ की इन दोनों नई सेवाओं की शुरुआत की। श्रम मंत्री ने कहा कि ईपीएफओ ने ईपीएफओ पोर्टल पर संयुक्त घोषणा की प्रक्रिया को सरल बना दिया है। इससे कर्मचारियों को नाम, जन्म तिथि, लिंग, राष्ट्रीयता, पिता/माता का नाम, वैवाहिक स्थिति, पति/ पत्नी का नाम, कामकाजी संगठन से जुड़ने और छोड़ने की तिथि जैसी व्यक्तिगत जानकारियों में होने वाली आम त्रुटियों को खुद ही सुधारने की सुविधा मिल गई है। उन्होंने कहा कि इसके लिए नियोक्ता द्वारा किसी सत्यापन या ईपीएफओ द्वारा अनुमोदन की जरूरत नहीं रह गई है। ऐसे मामलों में किसी सहयोगी दस्तावेज की भी जरूरत नहीं है। यह सुविधा उन सदस्यों के लिए उपलब्ध होगी, जिनका यूएएन (सार्वभौमिक खाता संख्या) एक अक्तूबर, 2017 (जब आधार से मिलान अनिवार्य हो गया था) के बाद जारी किया गया था।