लखनऊ। विद्युत नियामक आयोग द्वारा प्रस्तावित मल्टी ईयर टैरिफ रेगुलेशन लागू होने पर प्रदेशवासियों को गर्मियों में सुबह सस्ती और देर शाम से रात में महंगी बिजली मिलेगी। वहीं, अक्टूबर से मार्च के ठंड के मौसम में शाम से आधी रात से पहले महंगी और उसके बाद तड़के तक सस्ती बिजली उपलब्ध होगी। यह दरें मौजूदा दर से 10 से 20 प्रतिशत तक महंगी या सस्ती हो सकती हैं। इस व्यवस्था को लागू करने के लिए उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट मीटर होना अनिवार्य है।
अनुमान है कि टीओडी (टाइम ऑफ डे) टैरिफ लागू होने पर 70 प्रतिशत घरेलू उपभोक्ताओं के बिजली खर्च में 20 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हो सकती है। वर्तमान में टीओडी टैरिफ की व्यवस्था केवल भारी और हल्के उद्योगों के बिजली कनेक्शनों पर लागू है, जिसमें बिजली की दरें 24 घंटे समान न होकर अलग-अलग समय में घटती-बढ़ती रहती हैं।
उद्योगों में अप्रैल से सितंबर के बीच गर्मियों में सुबह 5 बजे से 10 बजे तक बिजली सामान्य दर से 15 प्रतिशत सस्ती रहती है, जबकि देर शाम 7 बजे से आधी रात के बाद 3 बजे तक यह 15 प्रतिशत महंगी हो जाती है। इसी तरह, ठंड के मौसम (अक्टूबर से मार्च) में शाम 5 बजे से रात 11 बजे तक बिजली 15 प्रतिशत महंगी और रात 11 बजे से सुबह 5 बजे तक 15 प्रतिशत सस्ती रहती है।
आयोग के नए प्रस्तावित रेगुलेशन में कृषि कार्य (सिंचाई आदि) के लिए बिजली कनेक्शन वाले 15 लाख किसानों को छोड़कर अन्य सभी उपभोक्ताओं पर टीओडी लागू करने की बात कही गई है। केंद्र सरकार पहले ही विद्युत अधिनियम के तहत 1 अप्रैल 2025 से इसे लागू करने के निर्देश दे चुकी है। ऐसे में उद्योगों की तरह घरेलू उपभोक्ताओं की बिजली 10 से 20 प्रतिशत समय के अनुसार सस्ती या महंगी हो सकती है।
हालांकि, घरेलू बिजली की खपत उस समय अधिक होती है जब दरें महंगी होती हैं और सस्ती बिजली के समय खपत कम होती है। ऐसे में 2.85 करोड़ घरेलू उपभोक्ताओं का बिजली खर्च बढ़ सकता है। अनुमान है कि 70 प्रतिशत घरेलू उपभोक्ताओं के खर्च में 20 प्रतिशत तक का इजाफा हो सकता है।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने कहा कि टीओडी घरेलू और वाणिज्यिक उपभोक्ताओं के हित में नहीं है, इसलिए इसका विरोध किया जाएगा। वर्मा ने बताया कि वर्ष 2023 में भी इसे लागू करने का प्रयास किया गया था, लेकिन उपभोक्ता परिषद द्वारा याचिका दायर करने के बाद यह प्रस्ताव स्थगित हो गया था।