बरेली,। टीईटी परीक्षा वर्ष 2011 प्राथमिक स्तर के फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी पाने वाले मथुरा निवासी शिक्षक कमल सिंह को बीएसए ने बर्खास्त कर दिया है। प्राथमिक स्कूल सिहौर में सहायक अध्यापक रहे कमल सिंह पर थाना शाही में तहरीर दी गई है।
मथुरा के गांव शेरनी के रहने वाले कमल सिंह पुत्र सवरजीत सिंह को 14 अगस्त 2014 को शेरगढ़ ब्लॉक के प्राथमिक स्कूल सिहौर में सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति प्रदान की गई थी। काउंसलिंग के समय टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) वर्ष 2011 प्राथमिक स्तर अनुक्रमांक 11013495 का प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया गया था। प्रमाण पत्र के सत्यापन के लिए बीएसए ने सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद मुख्यालय प्रयागराज को वर्ष 2024 में चार बार पत्र भेजें।
वहां से जानकारी दी गई कि टीईटी परीक्षा वर्ष 2011 प्राथमिक स्तर अनुक्रमांक 11013495 का परिषद की वेबसाइट और कार्यालय में संरक्षित सारणीयन पंजिका में कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है। शिक्षक पात्रता परीक्षा 2011 का प्रमाण पत्र फर्जी पाये जाने पर बीएसए ने कमल सिंह को नियुक्ति तिथि से पदच्युत कर दिया। साथ ही बीईओ शेरगढ़ मुकेश कुमार को फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर कूटरचित तरीके से नियुक्ति प्राप्त करने के आरोप में एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश दिया।
फर्जी प्रमाण पत्र से कर ली दस वर्ष नौकरी
कमल सिंह को 14 अगस्त 2014 को प्राथमिक स्कूल सिहौर में तैनात किया गया था। दस वर्ष तक वह फर्जी प्रमाण पत्र के जरिये ही नौकरी करता रहा। इसका सबसे बड़ा कारण सत्यापन रिपोर्ट का देरी से आना हुआ। नौकरी लगते समय ही तत्काल सत्यापन कराया जाता है। मगर कोर्ट केस के चलते वर्ष 2015 तक इस नियुक्ति का रिकॉर्ड ही लॉक रहा था। पिछले वर्ष कमल की शिकायत हुई, तब बीएसए ने प्रयागराज से सत्यापन करवाया। सत्यापन में प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया। अब कमल सिंह से भी रिकवरी की जाएगी