आरबीआई ने अगस्त में जारी किया था निर्देश
आरबीआई ने यह निर्देश अगस्त में जारी किया था और लोन देने वालों तथा क्रेडिट ब्यूरो को एक जनवरी तक अपने सिस्टम को अपडेट करने का समय दिया था। विशेषज्ञों का कहना है कि जब नए उधारकर्ता लोन लेते हैं तो वे कभी-कभी एक साथ कई लोन ले लेते हैं, जिससे उन्हें चुकाने में कठिनाई होती है। अब बार-बार डेटा अपडेट करने से यह स्थिति कम होगी और उधारकर्ताओं का व्यवहार बेहतर ढंग से समझा जा सकेगा।
नई दिल्ली, बार-बार एक से अधिक पर्सनल लोन लेने वाले ग्राहकों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। आरबीआई ने इनके नियमों में बदलाव किया है। इसके मुताबिक कर्ज देने वाले बैंकों और वित्तीय संस्थाओं को ऐसे ग्राहकों को क्रेडिट ब्यूरो रिकॉर्ड अब 15 दिन के अंदर अपडेट करना होगा। पहले यह एक महीने में किया जाता था। रिजर्व बैंक का कहना है कि इससे कर्ज लेने वालों के जोखिम का बेहतर आकलन करने में मदद मिलेगी।
यह होगा असर: विशेषज्ञों का कहना है कि लोन की किस्त (ईएमआई) महीने में अलग-अलग तारीखों को चुकाई जाती हैं। महीने में एक बार क्रेडिट रिकॉर्ड अपडेट करने से किस्त चूकने या भुगतान की जानकारी दिखने में 40 दिन तक की देरी हो सकती है। इससे क्रेडिट मूल्यांकन में विलंब हो जाता है, जिसका असर वित्तीय संस्थाओं पर पड़ता है। अब समय 15 दिन करने से यह देरी काफी कम हो जाएगी। ज्यादा बार अपडेट होने से कर्ज देने वाली संस्थाओं को डिफॉल्ट का सही जानकारी समय में मिल पाएगी।
कर्ज के लिए कर्ज पर लगेगी लगाम: वित्तीय कंपनियों का कहना है कि इस बदलाव से ‘एवरग्रीनिंग’ के मामले भी रुकेंगे। इसमें कर्ज लेने वाले पुराने कर्ज नहीं चुका पाने पर नया कर्ज ले लेते हैं। इससेउनकी कुल कर्ज की राशि और अधिक हो जाती है।
यह कदम उधारकर्ताओं को तत्काल राहत तो देता है लेकिन बैंक और वित्तीय संस्थानों के लिए जोखिम बढ़ जाता है।