अमेठी। जिले के 550 परिषदीय स्कूलों में बच्चे अपने ही विद्यालय के प्रांगण में उगी हरी सब्जियां खा रहे हैं। कई स्कूलों में दाल का भी उत्पादन हो रहा है। इससे बच्चों को न सिर्फ पोषण मिल रहा है, बल्कि आर्थिक बचत भी हो रही है।
जगदीशपुर ब्लाक के सिरियारी प्राथमिक विद्यालय के किचन गार्डन में उगाई गई अरहर की दाल अब स्कूल के बच्चे खा रहे हैं। विद्यालय के स्टॉफ की मेहनत से यहां उगाई जाने वाली सब्जियां और दाल मध्यान्ह भोजन बनाने में प्रयुक्त होती हैं। जिससे बच्चों को शुद्ध व पौष्टिक भोजन मिलता है। प्राथमिक विद्यालय में किचन गार्डन को सरकार की मंशा की अनुरूप बनाया गया है। स्कूल की इंचार्ज अध्यापिका रेहाना सईद खान और अन्य अध्यापकों के साथ रसोइयों व बच्चों ने मिलकर इस किचन गार्डन को चमकाया और दैनिक उपयोग के लिए लाभकारी बनाया है। इंचार्ज प्रधानाध्यापिका रेहाना ने बताया किचन गार्डन बनाने की शुरुआत में बड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। स्कूल परिसर में किचन गार्डन के लिए जो जगह चुनी गई वहां पुराने भट्ठे की इंटें जमीन में दबी थीं। जिसके चलते ज़मीन की जुताई व खुदाई मुश्किल थी। इसके लिए मजदूरों को लगाकर पहले ईंट पत्थर निकाले गए। फिर ट्रैक्टर से जुताई कर समतल किया गया। खेत बनाकर उसमें गोबर की खाद मिलाई गई। उसके बाद धनिया, लहसुन, प्याज़, गोभी और मूली की फसल की बुआई की गई।
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हापुड़ से मंगाया अरहर का बीज
किचन गार्डन को खास बनाने के लिए यहां के अध्यापकों ने हापुड़ से अरहर का बीज मंगवाया। खास तरह की अरहर का यह पौधा दो साल तक अरहर देता है। पहली फसल में बीस किलो अरहर पैदा हुई। जिसका इस्तेमाल मध्यान्ह भोजन बनाने में किया जाता है। साथ ही सब्जियां भी पर्याप्त मात्र नें होती हैं। जिससे मध्यान्ह भोजन में इस्तेमाल होने वाली सब्जी व दाल बाजार से कम खरीदनी पड़ती है। सिरियारी स्कूल में बने किचन गार्डन की चर्चा गांव तक होती है। ग्रामीण अक्सर स्कूल आकर इस किचन गार्डन को देखते हैं और अध्यापकों की प्रशंसा करते हैं। बीएसए संजय तिवारी ने बताया कि सिरियारी का किचन गार्डन बहुत अच्छा है। जिले के 550 स्कूलों में किचन गार्डन चल रहा है। यहां बच्चे पौष्टिक भोजन प्राप्त कर रहे हैं।