लखनऊ। बेसिक शिक्षा अधिकारी ने निर्देश जारी किया है कि बीएलओ ड्यूटी में लगे शिक्षक ड्यूटी के नाम पर पूरे सप्ताह स्कूल से गायब नहीं हो सकेंगे। उन्हें सप्ताह में पांच दिन कक्षाएं लेनी होंगी।
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दरअसल, बेसिक शिक्षा परिषद के सरकारी स्कूलों के करीब 1200 शिक्षक बीएलओ ड्यूटी में लगे हैं, जबकि 2400 से अधिक बेसिक शिक्षकों की ड्यूटी यूपी बोर्ड परीक्षा में लगाई जानी है। ऐसे में शहर के सरकारी स्कूलों के संचालन का संकट खड़ा हो गया है। इस संबंध में प्रधानाध्यापकों ने बीएसए कार्यालय में आपत्ति दर्ज कराते हुए बोर्ड परीक्षा से पहले बीएलओ ड्यूटी में लगे शिक्षकों की स्कूल में वापसी की मांग की है। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने भी शिक्षकों की बीएलओ ड्यूटी से शिक्षकों को हटाने की मांग की है।
इसके बाद बेसिक शिक्षा अधिकारी ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि बीएलओ ड्यूटी सप्ताह में एक ही दिन करनी है। जो शिक्षक मनमानी कर रहे हैं, उनके बारे में प्रधानाध्यापक सूचना देंगे और खंड शिक्षा अधिकारी कार्रवाई करेंगे।
संघ ने कहा दो वर्ष से शिक्षक लगे ड्यूटी पर
उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष सुधांशु मोहन और मंत्री वीरेंद्र सिंह का कहना है कि करीब दो वर्ष से 1200 शिक्षक, शिक्षामित्र और अनुदेशक बीएलओ के काम में लगे हैं। नियमत: इनकी ड्यूटी शुक्रवार और शनिवार को होती है, लेकिन दूसरे कार्य दिवस में भी बीएलओ का काम बताकर गायब हो जाते हैं। हर स्कूल से कक्षा एक से पांच तक के शिक्षक बीएलओ ड्यूटी में लगे हैं। जिला प्रशासन ने यूपी बोर्ड परीक्षा में 2422 शिक्षकों को ड्यूटी में लगाने का निर्देश जारी किया है। इससे प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी हो जाएगी। संघ ने जिलाधिकारी से भी शिक्षकों को मुक्त करने की मांग की है।
बीएलओ ड्यूटी सप्ताह में एक ही दिन करनी है। काम ज्यादा है तो शिक्षण कार्य के बाद काम को पूरा किया जाए। कोई शिक्षक यदि पढ़ाई प्रभावित कर रहा है तो खंड शिक्षा अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
– राम प्रवेश, बीएसए