बिनावर। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के जिला उपाध्यक्ष राजीव उपाध्याय ने सरकार से शिक्षामित्रों को नियमित करते हुए अध्यापकों के समान सुविधाएं देने की मांग की है।
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उन्होंने कहा 20 फरवरी को उत्तर प्रदेश सरकार का बजट पेश किया
गया, जो कि लगभग 8 हजार करोड़ से अधिक रहा, परंतु उत्तर प्रदेश के डेढ़ लाख शिक्षामित्रों की झोली फिर खाली रही। उन्होंने कहा पिछले तीन माह से उत्तर प्रदेश सरकार के विधायकों/ सांसदों एवं मंत्रियों द्वारा मीडिया के सामने शिक्षामित्रों का मानदेय दोगुना करने का ढोल पीटा जा रहा था तथा आश्वासन दिया जा रहा था कि बजट में शिक्षामित्रों के मानदेय वृद्धि का इंतजाम किया जाएगा। परंतु बजट में शिक्षामित्रों को आयुष्मान
कार्ड का झुनझुना थमा दिया गया। सरकार शिक्षामित्रों को गरीबी रेखा से बहार करना ही नहीं चाहती। शिक्षामित्र आर्थिक तंगी से आत्महत्या कर रहे हैं। सरकार को आर्थिक रूप से शिक्षामित्रों को मजबूत करना चाहिए था। उन्होंने कहा यदि प्रदेश के शिक्षामित्रों की समस्याओं का समाधान होली से पूर्व नहीं हुआ तो होली के उपरांत प्रदेश के शिक्षामित्र लखनऊ में अनिश्चितकालीन आंदोलन करने को मजबूर होंगे।