लखनऊ। राजकीय इंटर कॉलेजों मे कार्यरत दिव्यांग प्रवक्ताओं एवं सहायक अध्यापकों को करीब 18 साल से प्रोन्नति में चार फीसदी आरक्षण का लाभ नहीं मिला है। तमाम प्रयास के बाद ढाई माह पहले चयन समिति की बैठक हुई और प्रमाणपत्रों की जांच हुई, लेकिन अब तक पदोन्नति सूची जारी नहीं की गई है। ऐसे में प्रवक्ताओं ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर न्याय की गुहार लगाई है। इन शिक्षकों ने प्रोन्नति में भेदभाव का आरोप लगाया है।
सीएम को भेजे गए पत्र में बताया गया है कि दिव्यांगजनों को सरकारी नौकरियों में प्रोन्नति में चार फीसदी आरक्षण दिया जाता है, लेकिन उनको आरक्षण का लाभ नहीं दिया गया। प्रवक्ताओं एवं सहायक अध्यापकों ने आरोप लगाया है कि सूची जारी नहीं करने से निदेशालय की मंशा पर शक हो रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री से पूरे मामले में हस्तक्षेप करने और जल्द से जल्द सूची जारी करने का आदेश देने की मांग की है। ताकि सेवानिवृत्ति से पहले कुछ अध्यापकों को एक वेतन वृद्धि मिल सके।
पत्र में यह भी बताया कि माध्यमिक शिक्षा विभाग में समूह ग
और समूह ख की प्रोन्नति प्रक्रिया दो माह में पूरी कर ली गई और उन्हें तैनाती भी दे दी गई है, लेकिन उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है। चयन समिति की बैठक होने के ढाई माह बाद भी अभी तक प्रोन्नति की कार्यवाही पूरी न होना इसका सुबूत है। दिव्यांग अध्यापकों ने मांग को लेकर माध्यमिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव और महानिदेशक स्कूल शिक्षा को भी पत्र भेजा है।