13 लाख अभ्यर्थियों के लिए शिक्षा सेवा चयन आयोग तलाश रहा केंद्र, पर्याप्त संख्या में केंद्र उपलब्ध न हो पाने के बाद अटकीं कई बड़ी परीक्षाएं
प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) और उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग (यूपीईएसएससी) की परीक्षाओं के आयोजन में केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया सबसे बड़ी चुनौती बन गई है। केंद्र निर्धारण के नियम सख्त होने के बाद पर्याप्त संख्या में केंद्र उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं।
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इसी वजह से सभी बड़ी भर्ती परीक्षाओं का आयोजन भी अटका हुआ है। आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा-2023 और कांस्टेबल भर्ती
यूपीपीएससी को भी आरओ/एआरओ प्री के लिए सेंटर मिलने का इंतजार
परीक्षा में पेपर लीक की घटना के बाद शासन ने केंद्र निर्धारण के नियम काफी सख्त कर दिए थे।
जून-2024 को शासन की ओर से जारी गाइडलाइन के अनुसार, निजी शिक्षण संस्थानों को केंद्र बनाने पर रोक लगा दी गई। जिसके बाद आयोग को एक दिन में परीक्षा कराने के लिए पर्याप्त संख्या में केंद्र न मिल पाने के कारण पीसीएस 2024 और आरओ/एआरओ
2023 की प्रारंभिक परीक्षा स्थगित करनी पड़ी।
बाद में विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों को केंद्र बनाया गया तो एक दिन में पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा कराई जा सकी। आयोग को
अब आरओ/एआरओ प्रारंभिक परीक्षा के लिए सेंटरों की जरूरत है, लेकिन केंद्र निर्धारण की चुनौती के कारण आयोग परीक्षा तिथि घोषित नहीं कर पा रहा है।
यूपीपीएससी को राजकीय विद्यालयों में एलटी ग्रेड शिक्षक व प्रवक्ता भर्ती के लिए भी परीक्षा करानी है। इन भर्ती परीक्षाओं के लिए भी काफी संख्या में आवेदन आते हैं। ऐसे में शिक्षक भर्ती के लिए भी पर्याप्त संख्या में केंद्रों की व्यवस्था कर पाना आयोग के लिए
चुनौती होगी। वहीं, यूपीईएसएससी ने एडेड
महाविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर के 1017 पदों पर भर्ती के लिए 16 व 17 अप्रैल को परीक्षा प्रस्तावित की है। साथ ही टीजीटी और पीजीटी के 4,163 पदों पर भर्ती के लिए मई व जून में परीक्षा प्रस्तावित है।
टीजीटी भर्ती परीक्षा 14 व 15 मई और पीजीटी भर्ती परीक्षा 20 व 21 जून को कराने की तैयारी है। इसके लिए शिक्षा सेवा चयन आयोग ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर केंद्रों की सूची मांगी है। केंद्र निर्धारण के बाद आयोग तय कर
सकेगा कि ये परीक्षाएं कितने दिनों में पूरी कराई जा सकेंगी।
शिक्षा सेवा चयन आयोग के सूत्रों का कहना है कि टीजीटी व पीजीटी के 4,163 पदों पर भर्ती के लिए 13 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किए हैं। ऐसे में परीक्षा कराने के लिए काफी अधिक संख्या में केंद्रों की जरूरत पड़ेगी।
केंद्र निर्धारण की नीति सख्त होने के कारण पर्याप्त संख्या में केंद्र मिल पाना मुश्किल है। ऐसे में परीक्षा दो या इससे अधिक दिनों में ही पूरी कराने की तैयारी है।