यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटर की परीक्षाएं सोमवार से शुरू हो रही है। 24 फरवरी से 12 मार्च तक होने वाली परीक्षा के लिए पंजीकृत 54,32,519 छात्र-छात्राओं के लिए बोर्ड ने व्यापक इंतजाम किए हैं। परीक्षा की तैयारियों को लेकर बोर्ड सचिव भगवती सिंह से आपके अपने अखबार हिन्दुस्तान ने बातचीत की। उनका कहना है कि परीक्षा के दौरान किसी प्रकार की अवांछित हरकत रोकने के लिए नकल माफिया पर एसटीएफ और एलआईयू की नजर भी रहेगी। प्रस्तुत है बोर्ड सचिव से बातचीत के प्रमुख अंश…।
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नकलविहीन और शुचितापूर्ण परीक्षा के लिए क्या रणनीति है?
परीक्षा से जुड़ा प्रत्येक व्यक्ति हाई अलर्ट पर है। शैक्षणिक और मनोवैज्ञानिक हर तरह की सहायता देने का प्रयास है ताकि बच्चे की किसी भी समस्या का तुरंत निदान हो जाए।
छात्रहित में इस बार की बोर्ड परीक्षा में क्या नए प्रयोग कर रहे हैं?
बोर्ड परीक्षा के लिए पहली बार केंद्र पर ही अतिरिक्त पेपर रखवा रहे हैं ताकि आपात स्थिति में परीक्षार्थियों को घर न लौटना पड़े और परीक्षा दे सकें। केंद्र व्यवस्थापकों,परीक्षकों की ऑनलाइन अटेंडेंस ली जाएगी।
परीक्षार्थियों को क्या सलाह देंगे?
मेरी तो बच्चों को एक ही सलाह है कि बिना किसी तनाव के पूरे मनोयोग के साथ परीक्षा में प्रतिभाग करें। खूब मेहनत करें और तनाव न लें क्योंकि यह परीक्षा सिर्फ एक पड़ाव है कोई अंत नहीं है।
कॉपियों की डिजाइन में भी हुआ है बदलाव
उत्तरपुस्तिकाओं के प्रत्येक पन्ने की नंबरिंग की गई है। डिजाइन भी बदली गई है ताकि पिछले साल की कॉपी का उपयोग न होने पाए। स्टैटिक मजिस्ट्रेट के साथ परीक्षा केंद्रों तक कॉपियां भेजी गई ताकि उसकी सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। इसके बावजूद किसी भी स्तर से कॉपी की अदला-बदली की शिकायत मिलती है तो दोषियों के खिलाफ इतनी कड़ी कार्रवाई होगी कि भविष्य में कभी ऐसी हरकत के बारे में सोचेंगे भी नहीं।
किसी तरह की अफवाह न फैले और न ही किसी तरह से नकल माफिया सक्रिय हो सकें, इसके लिए एसटीएफ और एलआईयू के स्तर से निगरानी हो रही है। परीक्षा केंद्रों की सूची और नंबर सुरक्षा एजेंसियों को उपलब्ध करा दिए हैं ताकि संदिग्ध लोगों पर नजर रखी जा सके।-भगवती सिंह, सचिव, यूपी बोर्ड
स्वकेंद्र पर किसी हाल में परीक्षा नहीं बोर्ड की परीक्षा में सेक्स कोड की त्रुटि के कारण यदि किसी छात्र को स्वकेंद्र आवंटित हो गया है तो उसे दूसरे परीक्षा केंद्र भेजा जाएगा। सचिव भगवती सिंह ने इस संबंध में 20 फरवरी को सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को निर्देश दिए हैं।