नई दिल्ली, राजधानी के शिक्षण संस्थानों के बजट में भी बढ़ोतरी की गई है। इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय और स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर के बजट में वृद्धि हुई है।
वहीं, विश्वविद्यालयों के अनुदान में भी इस बार वृद्धि से राजधानी में स्थित केंद्रीय विश्वविद्यालयों में शिक्षण व्यवस्थाएं, मूलभूत सुविधाएं और नियुक्तियों आदि पर इस बजट का प्रभाव देखने को मिल सकता है। इंदिरा गांधी
राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय का वर्ष 2023-24 का वित्तीय बजट 130 करोड़ रुपये था, जिसे वर्ष 2024-25 में बढ़ाकर 147 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
वहीं, देश के आईआईटी के बजट में कुल 956 करोड़ का इजाफा हुआ है। तकनीकी शिक्षा, शोध और नवोन्मेष की तरफ वित्त मंत्री ने अपने बजट में बात की थी। इग्नू की कार्यवाहक कुलपति प्रो. उमा कांजीलाल का कहना है कि वित्तीय बजट बढ़ाया जाना स्वागत योग्य कदम है।
इस अतिरिक्त 17 करोड़ की राशि से शैक्षणिक कार्यक्रमों
डिजिटल अवसंरचना और छात्र सहायता सेवाओं को सशक्त बना
सकेंगे। छात्रों को इससे सीखने में सहूलियत होगी।
अकादमियों के बजट में कटौती की गई
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने राजधानी की अकादमियों के बजट में इस बार कटौती की है। संशोधित बजट 23-24 में जहां इनके लिए कुल राशि 497.30 करोड़ निर्धारित थी, उसे अब 411.42 करोड़ कर दिया गया है। कला संस्कृति के क्षेत्र में केंद्र सरकार ने कई विभागों का बजट बढ़ाया है। पहले जहां संग्रहालयों के लिए कुल बजट 366.01 करोड़ था, उसे अब बढ़ाकर 379.58 करोड़ कर दिया गया है। पुस्तकालयों का बजट पहले 104.92 करोड़ था, उसमें लगभग 10 करोड़ का इजाफा किया है।