नई दिल्ली। सरकार 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को पेंशन के दायरे में लाने की तैयारी कर रही है। यूनिवर्सल पेंशन योजना में सभी तरह के कामगारों को पेंशन मिलेगी। इसमें संगठित और असंगठित दोनों क्षेत्र के कर्मचारी शामिल होंगे। फिलहाल, असंगठित क्षेत्र के लोगों जैसे निर्माण श्रमिक, घरेलू कर्मचारी और दिहाड़ी श्रमिक सरकार की किसी भी पेंशन के दायरे से बाहर हैं। यह योजना स्वैच्छिक और अंशदायी होगी। रोजगार से बंधी नहीं होगी। इसलिए, योजना हर किसी के लिए योगदान और पेंशन अर्जित करने के लिए खुली होगी।
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श्रम मंत्रालय के मुताबिक, इसके लिए शेयरधारकों से जल्द राय-मशविरा किया जाएगा। योजना सभी वेतनभोगी कर्मचारियों और खुद रोजगार करने वालों लोगों के लिए भी होगी। हालांकि, इस नए प्रस्ताव और कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) जैसी मौजूदा योजनाओं के बीच महत्वपूर्ण अंतर यह है कि योगदान स्वैच्छिक आधार पर होगा और सरकार कोई योगदान नहीं देगी। इसका मतलब है कि योजना में 18 साल का कोई भी नागरिक स्वैच्छिक आधार पर शामिल हो सकता है, जो 60 वर्ष की आयु के बाद पेंशन लेना चाहता है। सूत्रों के
मुताबिक, कुछ मौजूदा योजनाओं को शामिल कर पेंशन/बचत ढांचे को सुव्यवस्थित करने का भी लक्ष्य है।
मौजूदा केंद्रीय योजनाओं में शामिल करने का लक्ष्य
इस पहल का उद्देश्य पूरे समाज में पेंशन कवरेज का विस्तार करते हुए प्रक्रियाओं को सरल बनाने के लिए मौजूदा केंद्रीय योजनाओं को शामिल करना है।
• सरकार पीएम-एसवाईएम और एनपीएस ट्रेडर्स सहित विभिन्न पेंशन कार्यक्रमों को एक योजना में समेकित करने पर विचार कर रही है। ये वैकल्पिक कार्यक्रम 60 वर्ष और उससे अधिक आयु के ग्राहकों को सरकारी फंडिंग के अनुरूप 55 से 200 रुपये तक के योगदान के आधार पर 3,000 रुपये की मासिक पेंशन प्रदान करते हैं।
अटल पेंशन भी हो सकती है शामिल
एकीकृत योजना में अटल पेंशन शामिल हो सकती है। प्रस्ताव में निर्माण उद्योग के श्रमिकों को पेंशन देने के लिए भवन व अन्य अधिनियम के जरिये एकत्र किए गए उपकर का उपयोग करने का सुझाव दिया गया है। केंद्र सरकार राज्यों को अपनी पेंशन योजनाओं को इस कार्यक्रम में एकीकृत करने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है। इससे सरकारी योगदान का समान वितरण, बढ़ी हुई पेंशन व डुप्लिकेट लाभार्थी योजना से बाहर हो जाएंगे।
■ 22.7 करोड़ होंगे बुजुर्ग 2036 तक बुजुर्ग आबादी (60
वर्ष और उससे अधिक आयु) 22.7 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है। यह कुल आबादी का 15 फीसदी है, जो 2050 तक बढ़कर 34.7 करोड़ यानी 20 फीसदी हो जाएगी
लाभ लेने वालों को योजना में स्वयं देना होगा योगदान, सरकार नहीं देगी मदद
असंगठित लिए कई
क्षेत्र के असंगठित क्षेत्र के लिए सरकार की कई पेंशन योजनाएं हैं। इनमें अटल पेंशन योजना निवेशक की उम्र 60 वर्ष पूरी होने योजनाएं के बाद 1,000 से 1,500 रुपये का मासिक रिटर्न देती है। प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना (पीएम-एसवाईएम) के तहत रेहड़ी-पटरी वालों, घरेलू कामगारों या मजदूरों सहित अन्य को लाभ मिलता है।