आयकर से जुड़ी प्रक्रिया को सरकार ज्यादा पारदर्शी और सरल बनाने जा रही है। नया आयकर अधिनियम अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होगा। इसके लिए सरकार संशोधित (नया) आयकर विधेयक गुरुवार को संसद में पेश कर सकती है। इसमें आयकर अधिनियम से जुड़े गैर जरूरी प्रावधानों को खत्म किया जा सकता है। छोटे मामलों में नोटिस से राहत दी जा सकती है।
गौरतलब है कि शनिवार को पेश बजट में इस सप्ताह नया आयकर विधेयक पेश करने का ऐलान किया गया था। वित्त मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि तैयार विधेयक अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होगा। इससे देश में आयकर से जुड़ी प्रक्रिया में बड़ा बदलाव आएगा।
सभी कागज देने की जरूरत नहीं होगी: अधिकारियों ने बताया कि नए कानून में व्यक्तिगत आयकरदाता से लेकर कॉरपोरेट क्षेत्र को गैरजरूरी प्रावधानों से छुटकारा मिलेगा। इसका मतलब है कि छोटे-छोटे मामलों में नोटिस जारी नहीं होंगे। अभी तक आयकर अधिनियम में कई ऐसे प्रावधान हैं, जिसमें आयकरदाता को रिटर्न भरते वक्त उससे जुड़े कुछ कागजात संलग्न करने होते हैं लेकिन मौजूदा वक्त में प्रक्रिया ऑनलाइन है तो उनकी जरूरत नहीं होनी चाहिए।
भाषा सरल बनाने पर जोर
अधिनियम की भाषा काफी कठिन है, जिसे कई बार समझने में गड़बड़ी होने की स्थिति में भी विभाग नोटिस जारी करता है। कई ऐसे छोटे-छोटे प्रावधान भी हैं, जिसमें आयकरदाता से नोटिस के जरिए स्पष्टीकरण मांगा जाता है। अब ऐसे सभी प्रावधानों को हटाया जाना है। नया कानून अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप होने से देश के अंदर बेहतर व्यावसायिक माहौल बनाने में भी मदद मिलेगी।
ये सुधार प्रस्तावित
● फॉर्म की संख्या कम करके साधारण फॉर्म लाने का प्रस्ताव
● जमा किए जाने वाले फॉर्म की संख्या घटाने का प्रस्ताव
● आयकर गणना करने आसान प्रक्रिया लाई जाएगी
● असेसमेंट वर्ष और वित्त वर्ष की जगह कर निर्धारण वर्ष की व्यवस्था
● रिफंड को पारदर्शी बनाया जाएगा
● नोटिस में पूरी जानकारी मिलेगी