लखनऊ। प्रदेश में 15 वर्ष से ऊपर के करीब 25 लाख लोगों को साक्षर बनाने का अभियान चलाया जा रहा है। इसमें एनएसएस-एनसीसी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का सहयोग लिया जा रहा है। अब कक्षा पांच या उससे ऊपर के स्कूली बच्चे भी अपने परिवार व पड़ोसियों को साक्षर बनाने में मदद करेंगे।

बेसिक शिक्षा विभाग नव भारत साक्षरता कार्यक्रम को गति देने की कवायद तेज कर दी है। इस अभियान में विशेष रूप से महिलाओं, एससी-एसटी, अल्पसंख्यकों, दिव्यांजन, कैदियों व श्रमिकों को साक्षर किया जाएगा। ताकि इनके बच्चों की शिक्षा में अपेक्षित सकारात्मक बदलाव हो सके। बेसिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने सभी डीएम, जिला साक्षरता मिशन प्राधिकरण व जिला शिक्षा परियोजना समिति से कहा है कि कार्यक्रम में स्वयंसेवक के रूप में कक्षा पांच और उससे ऊपर के स्कूली विद्यार्थियों को अपने परिवार व पड़ोसियों को साक्षर बनाने के लिए प्रेरित करेंगे। इसी क्रम में सीएसओ, एनवाईकेएस,
प्रदेश में नव भारत साक्षरता कार्यक्रम को दी जाएगी गति
महिलाओं, एससी-एसटी, अल्पसंख्यकों व श्रमिकों पर विशेष ध्यान
शिक्षकों, अन्य संस्थानों के सदस्यों को प्रोत्साहित कर ब्लॉक संसाधन केंद्र, क्लस्टर संसाधन केंद्र, विद्यालयों में निरक्षरों को साक्षर बनाने में मदद करें। साक्षरता परीक्षा भी होगी : अपर मुख्य सचिव ने कहा है कि इसके क्रियान्वयन के लिए प्राथमिक विद्यालयों में सामाजिक चेतना केंद्र की स्थापना कराते हुए कक्षा छह से आठ के सभी विद्यार्थियों के माध्यम से उनके निरक्षर माता-पिता, दादा-दादी को साक्षर करने के लिए आवश्यक कार्यवाही करें। इन लोगों को पढ़ना, लिखना, अंकों के ज्ञान, डिजिटल, वित्तीय, कानूनी, आपदा प्रबंधन, कौशल, बच्चों की देखभाल आदि की जानकारी दी जाएगी