लखनऊ
जिले में करीब 5200 शिक्षकों और कर्मचारियों के वेतन पर लगी रोक हटा ली गई है। बेसिक शिक्षा अधिकारी लखनऊ ने शिक्षकों का वेतन रोकने का आदेश वापस लेते हुए वेतन जारी करने का आदेश दिया है। वेतन शुक्रवार को शिक्षकों के खातों में पहुंच जाएगा। शिक्षक शिक्षामित्र अनुदेशक कर्मचारी संयुक्त मोर्चा ने वेतन जारी किए जाने का आदेश निर्गत करने पर संतोष प्रगट किया है। अपार आइडी को लेकर जिले के 5200 शिक्षकों और कर्मचारियों का जनवरी माह का वेतन अवरुद्ध करने का आदेश जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने दिया था। जिसका शिक्षक लगातार विरोध दर्ज करा रहे थे।
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» अपार आइडी को लेकर बीएसए ने रोका था शिक्षकों का वेतन
11 को प्रदर्शन की बन रही थी रणनीति
शिक्षकों का वेतन नहीं दिए जाने के विरोध में उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक 11 फरवरी को विरोध प्रदर्शन की रणनीति बना रहा था। जिला संगठन की बैठक में सुधांशु मोहन ने कहा कि यदि 10 फरवरी से पहले वेतन नहीं दिया जाता तो आरपार की लड़ाई शुरू की जाएगी।
मोर्चे के जनपदीय संयोजकगण वीरेंद्र प्रताप सिंह (प्राथमिक शिक्षक संघ) विनीत कुमार सिंह (विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वे एसो.) और डॉ. प्रभाकांत मिश्रा (जूनियर शिक्षक संघ) और पदाधिकारियों ने 4 फरवरी को ज्ञापन सौंपकर वेतन रोके जाने का विरोध दर्ज कराया
था। दूसरी तरफ शिक्षक वेतन जारी नहीं किए जाने को लेकर आंदोलन की रणनीति बनाना भी शुरू कर चुके थे। बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा 6 फरवरी को जारी आदेश में वेतन निर्गत करने का आदेश दिया है। मोर्चे के सह संयोजक शालिनी मिश्रा, सुधीर सहगल, शशि प्रभा सिंह, हरि शंकर राठौर, मनोज मौर्य, बृजेश कुमार मौर्य, मोहम्मद रियाज ने कहा कि प्राथमिक शिक्षकों को प्रतिकर अवकाश न देय होने की स्थिति में अवकाश के दिनों में विद्यालय ना खुलवाए जाएं, यह शिक्षकों के साथ अन्याय है। संगठन के पदाधिकारी अवधेश कुमार, सुशील कुमार, अरुण कुमार, शशांक, सुमित पाल, अश्विनी गुर्जर, सुधीर शुक्ला आदि ने वेतन आदेश निर्गत होने पर प्रसन्नता व्यक्त की।