बरेली के मीरगंज के कंपोजिट विद्यालय हुरहुरी में 10 दिनों से गैरहाजिर सहायक अध्यापिका श्वेता को बीएसए ने निलंबित कर दिया है। उन्हें विभागीय आदेश के खिलाफ कार्य करने और अनुशासनहीनता का दोषी माना गया है।
बीएसए संजय सिंह ने बताया कि प्रधानाध्यापक ने 14 फरवरी को उनको सूचित किया कि शिक्षिका श्वेता 10 फरवरी से गैरहाजिर है। कई बार कॉल भी किया, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो सका। इसके बाद शिक्षिका के भाई से संपर्क करने पर पता चला कि श्वेता को किसी मुकदमे में वाराणसी पुलिस ने बिजनौर में गिरफ्तार कर लिया है।

10 फरवरी को वाराणसी न्यायालय में प्रस्तुत कर 11 फरवरी को जिला जेल वाराणसी भेज दिया। उन्होंने बताया कि शिक्षिका को बिना सूचना दिए गैरहाजिर होकर अनुशासनहीनता करने, विभाग से तथ्य छिपाने का दोषी पाया गया है और निलंबित कर दिया गया है।
यह है मामला
बिहार के रोहतास निवासी प्रमोद कुमार व श्वेता 2015 में नोएडा सेक्टर 12 में स्थित एक निजी कंपनी में नौकरी करते थे। काम को लेकर दोनों के बीच अच्छी दोस्ती हो गई। दिसंबर 2015 में प्रमोद सरकारी नौकरी की तैयारी के लिए दिल्ली और श्वेता बीटीसी करने मेरठ चली गई। प्रमोद के मुताबिक इस बीच फोन से संपर्क कर अपनी आर्थिक स्थिति का हवाला देने लगी। दोस्ती के नाते वह मदद करने लगा।
वह नौकरी लगने पर रकम वापस करने का वादा भी करती थी। इसके बाद धीरे धीरे लालच बढ़ गया और उसने भाई के साथ मिलकर प्रमोद को दुष्कर्म के आरोप में फंसाने की धमकी देकर 35 लाख ऐंठ लिए। इसके बाद एक बार 50 हजार मांगे। रकम देने के बाद 20 लाख की डिमांड पर प्रमोद ने पुलिस का सहारा लिया और साक्ष्यों के साथ 16 नवंबर 2024 को वाराणसी के थाना लंका में रिपोर्ट दर्ज करा दी। इसी मामले में शिक्षिका की गिरफ्तारी हुई है।