प्रधानाचार्य करेंगे नर्सिंग कॉलेजों में संविदा नियुक्ति मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य भरेंगे पद, गड़बड़ियों पर भी होंगे जिम्मेदार
लखनऊ। प्रदेश के नर्सिंग कॉलेजों में अब संविदा के आधार पर नियुक्ति कॉलेजों के स्तर से होगी। मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य को नर्सिंग कॉलेज में शिक्षकों के खाली पद भरने की जिम्मेदारी दी गई है।
शासन स्तर से चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण महानिदेशक को खाली पदों को जल्द भरने की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया गया है। महानिदेशक ने कॉलेज के प्रधानाचार्यों को शासनादेश भेजते हुए पद भरने का निर्देश दिया है।
प्रदेश के विभिन्न चिकित्सा संस्थानों, राजकीय एवं स्वशासी मेडिकल कालेजों में 23 नर्सिंग कॉलेज चल रहे हैं। अभी नर्सिंग कॉलेजों में संविदा पर प्रधानाचार्य, उप प्रधानाचार्य, प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर एवं ट्यूटर की नियुक्ति राज्यस्तरीय होती है। इसके लिए लिखित परीक्षा,
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साक्षात्कार और काउंसिलिंग के बाद कॉलेज आवंटित किए जाते हैं।
अब शासन की ओर से संविदा के आधार पर नियुक्ति प्रक्रिया सरल की गई है। नए शासनादेश में संविदा के आधार पर नियुक्ति कॉलेजवार करने का निर्देश दिया गया है। जिन नर्सिंग कॉलेज में पद खाली होंगे,
वहां के मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य चयन समिति बनाकर साक्षात्कार के आधार पर शिक्षकों की नियुक्ति करेंगे। आदेश के मुताबिक चयन प्रक्रिया में गड़बड़ी होने पर संबंधित कॉलेज एवं संस्थान के निदेशक की जिम्मेदारी तय की गई है।
करीब 50% पद खाली नर्सिंग कॉलेज में 40 से 60 छात्रों के दाखिले पर प्रधानाचार्य, उप प्रधानाचार्य, प्रोफेसर के एक- एक पद, एसोसिएट के दो, असिस्टेंट के तीन, ट्यूटर के आठ से 16 पद का मानक है। वर्ष 2022-23 में संविदा के आधार पर दो वर्ष के लिए शिक्षकों की नियुक्ति की गई। तमाम शिक्षकों ने काम छोड़ दिया।
■ शेष को एक साल का सेवा विस्तार दिया गया है। इसके अलावा 121 अध्यापकों की भर्ती भी की गई। फिर भी कॉलेजों में मानक के अनुसार करीब 50 फीसदी पद खाली हैं। क्योंकि अब हर कॉलेज में छात्रों की संख्या 180 हो चुकी है। जुलाई से यह संख्या बढ़कर 240 हो जाएगी।
मानदेय
संविदा नियुक्ति में प्रधानाचार्य को 1.40 लाख, उप प्रधानाचार्य को 1.20 लाख, प्रोफेसर को एक लाख, एसोसिएट प्रोफेसर को 80 हजार, असिस्टेंट को 70 हजार और ट्यूटर को 45 हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय दिया जाएगा।