लखनऊ। माध्यमिक स्कूलों में अब विद्यार्थियों की अभिरुचि के अनुसार व्यावसायिक शिक्षा मिलेगी। सरकार अगले शैक्षिक सत्र से पहले इसके लिए बकायदा स्कूलवार सर्वेक्षण कराएगी और जो विद्यार्थी व्यवसायिक शिक्षा से जुड़े जिस भी विषय को पढ़ना चाहेंगे, उन्हें उन्हीं विषयों की शिक्षा दी जाएगी। नए सत्र में सरकार प्रदेश के 1100 माध्यमिक विद्यालयों में विद्यार्थियों की अभिरुचि के अनुसार व्यावसायिक शिक्षा का कोर्स शुरू करने जा रही है। इसके लिए तैयारियां अन्तिम चरण में है।
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प्रवीण योजना के तहत सरकार माध्यमिक स्कूलों में अब नए सिरे से व्यावसायिक शिक्षा से जुड़े कोर्स की शुरुआत करने जा रही है, जो प्रदेश के ऐसे 1100 माध्यमिक विद्यालय, जहां अभी व्यवसायिक शिक्षा की पढ़ाई शुरू नहीं हो सकी है। इन विद्यालयों में नए सिरे से व्यवसायिक शिक्षा की पढ़ाई शुरू करने का मुख्य उद्देश्य माध्यमिक स्कूलों में कक्षा नौ से 12 तक के विद्यार्थियों को विभिन्न व्यावसायिक विषयों में महत्त्वपूर्ण कौशल प्रदान करना है ताकि वे 10 या 12 वीं कक्षा के बाद ही उद्यमिता के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सकें। इसके तहत जिस विद्यार्थी की जिस ट्रेड में रुचि होगी, उसका उसी ट्रेड में नामांकन किया जाएगा। सर्वे में किसी स्कूल में एक ट्रेड के विद्यार्थी कम होंगे तो उस ट्रेड के विद्यार्थियों को उसी ट्रेड के अधिक संख्या वाले विद्यालयों से ऑनलाइन या अन्य किसी विधि से सम्बद्ध कर मनपसंद व्यवसायिक ट्रेड की शिक्षा दिलाई जाएगी। विभाग की ओर से इस बारे में स्कूलों में सर्वे कराया जा रहा है। सर्वे पूरा होते ही इस मामले में तैयार किए गए नए फार्मूले को विभाग सार्वजनिक करेगा। प्रदेश में अब तक समग्र शिक्षा के तहत 853 माध्यमिक विद्यालयों में पहले से व्यावसायिक शिक्षा का कोर्स संचालित किया जा रहा है। वहीं 892 सहायता प्राप्त एवं राजकीय स्कूलों में करीब एक दशक पूर्व शुरू हुई पुरानी व्यावसायिक शिक्षा योजना के तहत विद्यार्थियों को व्यवसायिक शिक्षा मुहैय्या कराई जा रही है।
ये विषय होंगे शामिल
एग्रीकल्चर, ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग, आईटी एण्ड आईटीईएस, प्लंबिंग, रिटेल, सिक्यूरिटी, इलेक्ट्रिकल वर्क, पावर, सोलर सिस्टम इंस्टॉलेशन, मोबाइल रिपेयरिंग, टेक्सटाइल डिज़ाइन, स्पोर्ट्स एण्ड फिजिकल एजुकेशन, ट्रांसपोर्टेशन एण्ड लॉजिस्टिक और वेयर हाउस, हेल्थ केयर, कंस्ट्रक्शन, टेलीकम्यूनिकेशन, इलेक्ट्रॉनिक्स एण्ड हार्डवेयर, फोटोग्राफी, गारमेंट डिज़ाइन और डेकोरेशन, रेडियो तथा टेलीविज़न टेक्नोलॉजी एवं डिजिटल मार्केटिंग विषय के नाम मुख्य रूप से शामिल हैं।