नई दिल्ली, विशेष संवाददाता। विभिन्न राज्यों के स्कूल बोर्ड की परीक्षा प्रक्रिया और प्रश्नपत्र के प्रारूप में एकरूपता लाने की कवायद के तहत 27 राज्यों के स्कूल शिक्षा बोर्डों ने योग्यता-आधारित प्रश्न पत्र टेम्पलेट सेट करने के लिए प्रशिक्षण पूरा कर लिया है।
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कक्षा 10 और 12 के लिए प्रश्न पत्र सेट करने का नया प्रारूप 2026-27 शैक्षणिक सत्र से पेश किए जाने की संभावना है। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद राष्ट्रीय मूल्यांकन केंद्र, परख, स्कूल राज्य बोर्डों में समानता को बढ़ावा देने की खातिर संतुलित प्रश्न पत्र तैयार
करने के लिए लगातार कार्यशालाएं आयोजित कर रहा है। अगस्त 2024 में केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी एक रिपोर्ट से खुलासा हुआ था कि केंद्रीय शिक्षा बोर्डों में नामांकित छात्रों की तुलना में राज्य स्कूल बोर्डों के
छात्र ज्यादा संख्या में फेल हुए थे। राज्य बोर्डों के अलावा, सीबीएसई के लिए भी प्रशिक्षण आयोजित किया गया है। इनमें केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय और निजी स्कूल शामिल हैं।
मूल्यांकन का एक समान मानक
एनसीईआरटी की इकाई परख को काम सौंपा गया है कि भारत में सभी मान्यता प्राप्त स्कूल बोर्डों के लिए छात्रों के मूल्यांकन का एक समान मानक और दिशा-निर्देश तय करे। केंद्र ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी), 2020 के अनुसार सभी स्कूल शिक्षा बोर्डों को मानकीकृत करने पर ध्यान केंद्रित किया है। स्कूल बोर्ड की समानता पहल के तहत प्रस्तावित मूल्यांकन प्रणाली, एनईपी के अनुरूप है, जो एक योग्यता-आधारित शिक्षा मॉडल है। प्रशिक्षण लेने वाले राज्यों की सूची में कई विपक्षी दलों द्वारा शासित राज्य भी शामिल हैं, जो बड़े पैमाने पर एनईपी के आलोचक रहे हैं।