नई दिल्ली। बैंकों के दिवालिया होने पर अब ग्राहकों को पांच लाख रुपये से ज्यादा की रकम मिल सकती है। इस बारे में केंद्र सरकार विचार कर रही है। इससे बैंक डूबने की स्थिति में ग्राहकों के जमा को सुरक्षा मिल सकेगी। वित्तीय सेवा विभाग के सचिव एम नागराजू ने सोमवार को कहा, जमा बीमा और क्रेडिट गारंटी निगम (डीआईसीजीसी) के तहत अभी प्रति बैंक प्रति जमाकर्ता को पांच लाख रुपये मिलते हैं।
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नागराजू ने मुंबई में एक कार्यक्रम में कहा, जब भी सरकार मंजूरी देगी, इसे अधिसूचित किया जाएगा। यह सरकार के पास विचाराधीन है। पंजाब एंड महाराष्ट्र (पीएमसी) बैंक घोटाले के बाद 2020 में बीमा कवर की सीमा को सरकार ने एक लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया था। हाल में मुंबई के न्यू इंडिया को ऑपरेटिव बैंक में घोटाला हुआ था। इसके 1.3 लाख जमाकर्ताओं में से 90 फीसदी की पूरी रकम बीमा के तहत कवर है। डीआईसीजीसी आरबीआई की सहायक कंपनी है जो जमा पर बीमित रकम का देखरेख करती है। इसके तहत बचत खाते, फिक्स्ड,
चालू खाते व आवर्ती जमा को कवर किया जाता है। डीआईसीजीसी को बीमा कवरेज के लिए बैंकों से प्रीमियम प्राप्त होता है। इसमें भारत में कार्यरत विदेशी बैंकों की शाखाओं सहित सभी वाणिज्यिक बैंक शामिल हैं। वित्त वर्ष 2023-24 में बीमा कवर के तहत 1,432 करोड़ रुपये का निपटान किया गया जो पूरी तरह से सरकारी बैंक के दावे थे। आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने कहा, सहकारी बैंकिंग क्षेत्र आरबीआई की निगरानी में अच्छी तरह से विनियमित है और उन्होंने क्षेत्र के समग्र स्वास्थ्य को मजबूत बताया।
एमएसएमई के लिए बिना गारंटी के 100 करोड़ की योजना लॉन्च
नई दिल्ली। छोटे एवं मझोले उद्योगों यानी एमएसएमई के लिए 100 करोड़ रुपये तक के ऋण की सुविधा को शुरू कर दिया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मुंबई में इस म्यूचुअल क्रेडिट गारंटी योजना को लॉन्च किया। योजना के तहत 11 लाभार्थियों को मंजूरी पत्र भी सौंपा गया। इसे जुलाई, 2024 में घोषित किया गया था। इस योजना से एमएसएमई के लिए ऋण की आसान उपलब्धता की सुविधा मिलने और भारत में विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। इसके तहत बिना गारंटी के मशीनरी या उपकरण की खरीद के लिए रकम मिलती है। एजेंसी
■ खरीद के लिए एमसीजीएस-एमएसएमई के तहत पात्र एमएसएमई को 100 करोड़ रुपये तक की लोन सुविधा के लिए राष्ट्रीय ऋण गारंटी ट्रस्टी कंपनी (एनसीजीटीसी) द्वारा सदस्य ऋण देने वाली संस्थाओं (एमएलआई) को 60 प्रतिशत गारंटी कवरेज प्रदान करेगी। योजना के अनुसार, उधारकर्ता एक एमएसएमई होना चाहिए, जिसके पास वैध उद्यम पंजीकरण संख्या हो। साथ ही गारंटीकृत ऋण राशि 100 करोड़ रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए।
• परियोजना लागत अधिक भी हो सकती है। योजना के तहत उपकरण या मशीनरी की न्यूनतम लागत परियोजना लागत का 75 प्रतिशत होनी चाहिए।