प्रदेश में बोर्ड परीक्षाओं में गड़बड़ी करने वालों पर इस बार से और सख्ती की जाएगी। परीक्षा में सॉल्वर गिरोह में पकड़े जाने पर आजीवन कारावास की सजा और एक करोड़ तक का जुर्माना लगाया जाएगा। इतना ही नहीं परीक्षा को किसी भी तरह से प्रभावित करने या प्रयास करने पर भी 10 साल की सजा और 10 लाख का जुर्माना लगाया जाएगा। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग से सभी मंडलायुक्त, जिलाधिकारी, वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ यूपी बोर्ड की तैयारियों की समीक्षा में यह निर्देश दिए।
उन्होंने बोर्ड परीक्षा को लेकर सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अधिनियम के व्यापक प्रचार-प्रसार व इसके आधार पर सख्ती करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि नए प्रावधान में बोर्ड परीक्षा कार्य में लगा व्यक्ति अगर किसी तरह की लापरवाही या सौंपा गया काम नहीं करता है तो उस पर भी सात साल का कारावास व जुर्माना लगाया जाएगा। इतना ही नहीं परीक्षा केंद्र पर निर्धारित समय से पहले पेपर खोलने या किसी को इससे जुड़ी जानकारी देगा तो उसे दस साल की सजा व पांच लाख जुर्माने का प्रावधान है।
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इसी क्रम में परीक्षा ड्यूटी में न लगने वाले बाहरी व्यक्ति को परीक्षा केंद्र में प्रवेश देने पर दस साल का कारावास व पांच लाख का जुर्माना और परीक्षा केंद्र से जुड़े व्यक्ति या कर्मचारी द्वारा परीक्षार्थी को अनुचित सहायता देने के प्रयास पर दस साल का कारावास व दस लाख जुर्माना लगाया जाएगा।
मुख्य सचिव ने कहा कि परीक्षार्थियों को परीक्षा केंद्र पर समय से पहुंचने में कोई असुविधा नहीं होनी चाहिए। परीक्षा के समय बसों का नियमित संचालन हो। परीक्षार्थियों को कहीं भी अनावश्यक रूप से न रोका जाए। परीक्षा के दौरान ध्वनि विस्तारक यंत्रों के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाया जाए। प्रयागराज, अयोध्या, बनारस के परीक्षा केंद्रों के पास पुलिस द्वारा अनावश्यक एनाउन्समेंट न किया जाए।
उन्होंने कहा कि प्रश्नपत्रों की सुरक्षा के दृष्टिगत परीक्षा केन्द्रों के स्ट्रांग रूम का टीम बनाकर आकस्मिक निरीक्षण भी कराया जाये। यूपी बोर्ड की परीक्षाएं 24 फरवरी से 12 मार्च तक आयोजित की जाएंगी। परीक्षा प्रदेश में 8140 परीक्षा केन्द्रों पर होगी। परीक्षा में 27,32,216 हाईस्कूल व 27,05,017 इंटर कुल 54,37,233 परीक्षार्थी शामिल होंगे। बैठक में महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा, माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव, माध्यमिक शिक्षा परिषद सचिव भगवती सिंह आदि अधिकारी उपस्थित थे।
यह भी दिए निर्देश
1. परीक्षा के मद्देनजर नकल माफियाओं और असामाजिक तत्वों की निगरानी रखें और गड़बड़ी करने वालों पर सख्त कार्रवाई करें।
2. परीक्षा में बाधक बनने वालों के खिलाफ संज्ञेय अपराध के तहत कार्यवाही की जाए।
3. परीक्षा के पहले केन्दों का शत-प्रतिशत निरीक्षण करके यह सुनिश्चित करें कि सभी केन्द्रों पर आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध हैं।
4. स्ट्रांग रूम की 24 घंटे सीसीटीवी से ऑनलाइन निगरानी करें। इनकी सुरक्षा के लिये सशस्त्र बल तैनात किया जाए।
17 जिलों पर एसटीएफ-एलआईयू की विशेष निगरानी
मुख्य सचिव ने कहा कि 17 जिलों आगरा, मथुरा, बागपत, अलीगढ़, मैनपुरी, एटा, हरदोई, आजमगढ़, बलिया, मऊ, प्रयागराज, कौशांबी, चंदौली, जौनपुर, गाज़ीपुर, देवरिया व गोंडा को अति संवेदनशील घोषित किया गया है। यहां विशेष सतर्कता बरती जाए। एसटीएफ और एलआईयू इन केन्द्रों की विशेष निगरानी करें। परीक्षा में नकल की कोई गुंजाइश नहीं रहनी चाहिए।
सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने पर कड़ी कार्रवाई
मुख्य सचिव ने कहा कि पेपर के गलत तरीके से प्रकाशन व सोशल मीडिया आदि पर अफवाह फैलाने वाले व्यक्तियों पर कड़ी कार्यवाही की जाए। परीक्षा समाप्त होने के बाद उत्तर पुस्तिकाएं परीक्षा केन्द्रों से संकलन केन्द्रों को अनिवार्य रूप से पुलिस अभिरक्षा में ही भेजा जाए। उन्होंने परीक्षा केन्द्रों के चारों तरफ साफ-सफाई, प्राथमिक उपचार आदि की व्यवस्था सुनिश्चित कराने के भी निर्देश दिये।
पेपर में भी की गई केंद्रवार कोडिंग
अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा दीपक कुमार ने बताया कि परीक्षाओं को नकलविहीन और निष्पक्षता के साथ सुनिश्चित कराने के लिए नई व्यवस्थाएं की गई हैं। इसमें सभी जिलों व परीक्षा केन्द्रों पर मुख्य विषय के लिये पेपर के अतिरिक्त आरक्षित सेट, पेपरों में केन्द्रवार कोडिंग, परीक्षा केन्द्रों के निर्धारण संबंधी आपत्तियां, शिकायत ऑनलाइन दर्ज कराने की व्यवस्था शामिल है