लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधान मंडल का बजट सत्र 18 फरवरी से शुरू हो जाएगा. यूपी का बजट 19 फरवरी को पेश किया जाएगा. उत्तर प्रदेश का बजट इस बार करीब आठ लाख करोड रुपये का हो सकता है. जो कि केंद्रीय बजट से करीब 14% होगा. उत्तर प्रदेश कैबिनेट की मीटिंग में 11 अन्य प्रस्ताव की पास किए गए हैं. गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाया गया है.
उत्तर प्रदेश की नई आबकारी नीति लागू की गई है. उच्च एवं माध्यमिक शिक्षा से जुड़े कुछ प्रस्ताव पास किए गए हैं. इन सारे प्रस्तावों के विषय में औपचारिक जानकारी राज्य सरकार गुरुवार की सुबह होने वाली प्रेस वार्ता में देगी. सरकार की ओर से यूपी कैबिनेट की जानकारी फिलहाल औपचारिक तौर पर नहीं दी गई है.
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रोजगार और इन्फ्रास्ट्रक्चर पर होगा फोकस: जानकारों का मानना है कि गत वर्ष हुए लोकसभा चुनाव में भाजपा की हार की वजह बेरोजगारी को माना गया. सरकार बजट में सरकारी नौकरियों के साथ स्वरोजगार पर फोकस करेगी. वहीं, एक्सप्रेस वे, स्टेट हाईवे के साथ इन्फ्रास्ट्रक्चर पर भी फोकस रहेगा. प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना के बजट में कई अन्य खास बातें भी होगी.
विपक्ष की ओर से लगातार भाजपा को दलित विरोधी साबित करने का प्रयास किया जा रहा है. सूत्रों के अनुसार, सरकार बजट में दलितों को साधने के लिए कोई बड़ी घोषणा कर सकती है. भाजपा ने विधानसभा चुनाव 2022 से पहले संकल्प पत्र पेश किया था. संकल्प पत्र के 131 वादों में से 110 पूरे हो चुके हैं. सरकार के सूत्रों के मुताबिक, आगामी बजट में शेष 21 वादे पूरे कर सरकार संकल्प पत्र का हर वादा पूरा करने की योजना बना रही है.
देश के बजट का 16 फीसदी: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 50.65 लाख करोड़ का बजट पेश किया है. यूपी का बजट भी आठ लाख करोड़ तक होगा. यह केंद्र के बजट का करीब 16 फीसदी होगा. वित्त विभाग को प्रदेश सरकार के करीब-करीब सभी विभागों से बजट के लिए प्रस्ताव मिल गए हैं. वित्त मंत्री सुरेश खन्ना और वित्त विभाग के अधिकारी उन प्रस्तावों पर मंथन करेंगे. उसके बाद बजट का प्रारंभिक मसौदा सीएम योगी आदित्यनाथ के सामने पेश किया जाएगा.