एक्ट के मुताबिक मदरसे खुद अल्पसंख्यक संस्था, कहां से लाएं प्रमाणपत्र

लखनऊ। प्रदेश सरकार की दशमोत्तर छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति योजना का लाभ लेने के लिए मदरसों को अल्पसंख्यक संस्थान होने का प्रमाणपत्र देना होगा। जबकि मदरसा शिक्षा परिषद एक्ट के तहत मदरसे अल्पसंख्यक संस्थान हैं। ऐसे में मदरसा प्रबंधन असमंजस में हैं कि प्रमाणपत्र कहां से लाएं।
बता दें कि उप्र मदरसा शिक्षा परिषद से करीब 16,460 मदरसे मान्यताप्राप्त हैं। इनमें से 560 मदरसे सरकार से आर्थिक सहायता प्राप्त हैं। पूर्वदशम, दशमोत्तर छात्रवृत्ति व शुल्क प्रतिपूर्ति योजना का लाभ लेने के लिए मदरसों के विद्यार्थी भी आवेदन करते हैं। शैक्षणिक सत्र 2024 25 में योजना के लाभ के लिए अल्पसंख्यक संस्थान के रूप में अंकित शिक्षण संस्थाओं के सत्यापन के लिए एनआईसी ने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को सूची सौंपी थी।
अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने प्रदेश भर के जिला अल्पसंख्यक अधिकारियों को एनआईसी की सूची में दर्ज शिक्षण संस्थाओं के अल्पसंख्यक संस्थान होने या न होने का परीक्षण कर सूचना उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था। जबकि मदरसा बोर्ड से मान्यताप्राप्त मदरसों पर निर्देश लागू नहीं है।
तमाम जिलों में अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारियों ने मदरसों से भी उनके अल्पसंख्यक संस्थान होने का प्रमाण पत्र मांगा है। ऐसे में कई मदरसों ने बेसिक शिक्षा से मान्यता ले रखी है, इसलिए उन्हें संशय हो सकता है कि प्रमाणपत्र के बिना विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति का लाभ मिलेगा या नहीं। संवाद
अल्पसंख्यक संस्थान होने का प्रमाणपत्र मांगने पर जताई नाराजगी
टीचर्स एसोसिएशन मदारिसे अरबिया के महामंत्री दीवान साहेब जमां खां ने मदरसों से अल्पसंख्यक संस्थान होने का प्रमाण पत्र मांगने पर नाराजगी जताई है। उन्होंने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक व नोडल अधिकारी छात्रवृत्ति एसएन पांडेय को पत्र भेजकर डीएमओ की शिकायत की। इसमें कहा गया कि जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी मदरसों से अल्पसंख्यक संस्था होने का प्रमाण पत्र मांग रहे हैं, जो उप्र मदरसा शिक्षा परिषद एक्ट-2004 की धारा 2 के नियम-च के विपरीत है। इसकी परिभाषा से स्पष्ट है कि इस एक्ट के तहत उप्र मदरसा बोर्ड से मान्यताप्राप्त सभी मदरसे मुस्लिम अल्पसंख्यकों द्वारा स्थापित और प्रशासित होने के कारण अपने आप में अल्पसंख्यक संस्थान हैं। एक्ट में मदरसों को अल्पसंख्यक संस्थान प्रमाणपत्र देने का कोई प्रावधान नहीं है। लिहाजा मदरसों से अल्पसंख्यक संस्था का प्रमाणपत्र मांगने का औचित्य नहीं दिख रहा है। उन्होंने मदरसा शिक्षा परिषद अधिनियम 2004 के आधार पर मदरसों को अल्पसंख्यक संस्था मान कर छात्रवृत्ति देने के लिए कार्यवाही करने का अनुरोध किया।