रायबरेली। जिले के 460 परिषदीय विद्यालयों में निपुण सर्वे के लिए 17 फरवरी से शुरू हुआ अभियान बृहस्पतिवार को समाप्त हो गया। अंतिम दिन 15 विद्यालयों में सर्वे के लिए डायट ने नौ टीमें भेजीं। पूरे अभियान में 447 विद्यालयों में सर्वे कार्य पूरा किया गया, जबकि 13 स्कूलों से टीमों को बिना सर्वे लौटना पड़ा।
इन विद्यालयों में किसी न किसी तकनीकी समस्या के चलते सर्वे नहीं हो सका। इन स्कूलों में सर्वे के लिए राज्य परियोजना कार्यालय लखनऊ से दिशा निर्देश मांगा गया है, ताकि जल्दी ही नई रूपरेखा बनाकर दोबारा सर्वे टीमों को भेजा जा सके। जिले में दूसरे चरण के अंतर्गत निपुण सर्वे के लिए 460 प्राथमिक एवं कंपोजिट विद्यालयों को चिह्नित किया गया था।
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डायट प्राचार्य जय प्रताप सिंह के निर्देशन में इन विद्यालयों में 17 फरवरी से सर्वे शुरू हुआ। तय शेड्यूल के मुताबिक सर्वे टीमें आवंटित विद्यालयों में पहुंचती रहीं और कक्षा एक व दो के बच्चों से भाषा एवं गणित की दक्षता का आकलन करती रही। अंतिम दिन 15 विद्यालयों का शेड्यूल तय रहा, जहां सर्वे के लिए नौ टीमों को दौड़ाया गया। इन टीमों ने दोपहर तक आवंटित विद्यालयों में सर्वे कार्य पूरा कर लिया।
सर्वे के दौरान आई दिक्कतों को दूर करने के लिए डायट में गठित दल के सदस्यों ऋषभ गुप्ता, मोहित पटेल, आशीष कुमार, सलीम बाबू, गौरव पाठक, प्रखर चौरसिया, गौरव अवस्थी, हेमंत रमन और स्टेट रिसोर्स ग्रुप (एसआरजी) शैलेंद्र सिंह, राजवंत सिंह, सुनील यादव ने सहायता की। निपुण सर्वे के समापन पर देर शाम तक डायट में अपनी रिपोर्ट तैयार करने में जुटे रहे।
निपुण सर्वे के दौरान 13 विद्यालयों से टीमों को लौटना पड़ा। इन विद्यालयों में आई दिक्कतें दूर न होने के कारण सर्वे नहीं हो सका। निपुण सर्वे के नोडल एवं डायट प्रवक्ता अभिवेक श्रीवास्तव ने बताया कि खीरों विकास क्षेत्र के कंपोजिट विद्यालय बरौंडी, राही विकास क्षेत्र के कंपोजिट विद्यालय जगदीशपुर, डलमऊ विकास क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय पूरे राणा में यू-डायस की समस्या के कारण सर्वे नहीं हुआ।
छतोह विकास क्षेत्र के बासूपुर व कुकहा, हरचंदपुर विकास क्षेत्र के टेरा बरौला, महराजगंज विकास क्षेत्र के अत्रेहटा, राही विकास क्षेत्र के झकरासी, सनही, लोधवारी व पूरे दुबे, सरेनी विकास क्षेत्र के भोजपुर और सतांव विकास क्षेत्र के कंडूरी में सर्वे के दौरान प्रश्नपत्र अपलोड न होने के कारण टीमों को लौटना पड़ा। विद्यालयों की सूची राज्य परियोजना कार्यालय भेजी गई है, ताकि छूटे विद्यालयों में सर्वे के लिए दिशा निर्देश मिल सकें। जैसा निर्देश मिलेगा, उसके अनुरूप कार्रवाई की जाएगी।