मेधावी छात्राओं को शिक्षा के लिए प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से शुरू की गई रानी लक्ष्मीबाई स्कूटी योजना जल्द धरातल पर लाने की तैयारी है। शासन ने पात्रता मानदंड और चयन प्रक्रिया के साथ ही स्कूटी की विशिष्टताएं निर्धारित करने के लिए दो अलग-अलग कमेटियां गठित की हैं। इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए सरकार ने बजट में 400 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है।

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इस योजना के तहत उच्च शिक्षण संस्थाओं में स्नातक अथवा स्नातक स्तर के विभिन्न शिक्षण/प्रशिक्षण कार्यक्रमों में अध्ययनरत मेधावी छात्राओं को स्कूटी वितरित करने के लिए मेधावियों की परिभाषा, उनके लिए पात्रता के मानदंड एवं लाभार्थी मेधावी छात्राओं के चयन की प्रक्रिया के निर्धारण के लिए राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) और पीएम ऊषा के निदेशक शिपू गिरि की अध्यक्षता में छह सदस्यीय समिति का गठन किया गया है।
इस समिति में उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमित भारद्वाज, प्रो. राजेंद्र सिंह (रज्जू भय्या) विश्वविद्यालय के कुलसचिव शैलेश कुमार शुक्ल, लखनऊ विश्वविद्यालय के वित्त अधिकारी और मायावती राजकीय महिला पीजी कॉलेज बादलपुर गौतमबुद्ध नगर के प्रो. दिनेश चन्द्र शर्मा को सदस्य जबकि ऑल इंडिया सर्वे ऑन हायर एजुकेशन के समन्वयक डॉ. संजय दिवाकर को सदस्य सचिव बनाया गया है।
शासन के संयुक्त सचिव प्रेम कुमार पांडेय की ओर से 11 मार्च को जारी आदेश में मेधावी छात्राओं को वितरित की जाने वाली स्कूटी की विशिष्टियों के निर्धारण के लिए उच्च शिक्षा विभाग के विशेष सचिव गिरिजेश कुमार त्यागी की अध्यक्षता में चार सदस्यीय तकनीकी विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया है। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी के कुलसचिव और उच्च शिक्षा निदेशालय प्रयागराज के वित्त नियंत्रक को सदस्य बनाया गया है।
मायावती राजकीय महिला पीजी कॉलेज बादलपुर गौतमबुद्ध नगर के प्रो. दिनेश चन्द्र शर्मा को इस समिति का सदस्य सचिव बनाया गया है। इन दोनों समितियों में आवश्यकतानुसार अन्य विभागों के अधिकारियों के साथ-साथ विषय विशेषज्ञों को भी आमंत्रित किया जा सकता है।