Home PRIMARY KA MASTER NEWS चुनौतियों से जूझ रहे गुरुजन, बढ़ाए जाएं संसाधन

चुनौतियों से जूझ रहे गुरुजन, बढ़ाए जाएं संसाधन

by Manju Maurya

 छात्र-छात्राओं का भविष्य संवारने व उनका सर्वांगीण विकास करने की जिम्मेदारी शिक्षकों की है। बेसिक विभाग के शिक्षक बच्चों की नींव मजबूत बनाते हैं, लेकिन ये शिक्षक पढ़ाई कराने के साथ ही कई काम करने के लिए मजबूर हैं। इससे उन्हें पढ़ाने का समय कम मिल पा रहा है। मिड-डे मील में बच्चों को भोजन कराना, डीबीटी के तहत रुपये दिलाना, अपार आईडी बनवाना और स्कूलों की सफाई कराने की जिम्मेदारी भी इन्हीं पर है। ये शिक्षक पुरानी पेंशन बहाली नहीं होने, स्थानांतरण और पदोन्नति को लेकर परेशान रहते हैं। शिक्षकों का कहना है कि वे वर्षों से अपनी समस्याओं को लेकर आवाज उठा रहे हैं, लेकिन जिम्मेदार इसे अनसुना कर रहे हैं। कम संसाधनों के बीच शिक्षक बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए मेहनत कर रहे हैं। फिर भी उन्हें संसाधन उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं। उन्होंने हिन्दुस्तान के साथ अपनी समस्याएं साझा की हैं।

शिक्षा के मामले में रामपुर ने काफी तरक्की की है। शिक्षकों ने अपनी प्रतिभा से जिले की शिक्षा व्यवस्था में व्यापक सुधार किया है। बच्चों के लिए सरकारी योजनाओं से लेकर उनके शैक्षणिक स्तर के लिए हर समय प्रतिबद्ध इन शिक्षकों की अपनी एक अलग समस्या है।

जिले में 4800 बेसिक शिक्षक हैं। सभी लंबे से पदोन्नति की आस लगा रहे हैं। इसके अलावा उनकी कई मांगें वर्षों से लंबित हैं। वरिष्ठता सूची की बात हो या पदोन्नति की, इन सबका परिषदीय प्राथमिक, उच्च प्राथमिक व कंपोजिट विद्यालय के शिक्षकों को लाभ नहीं मिल रहा है। उच्च प्राथमिक विद्यालयों की वरिष्ठता सूची भी अब तक जारी नहीं की गई। इसके अलावा विभाग में लंबे समय से भर्ती नहीं होने के कारण शिक्षकों की काफी कमी है। शहरी क्षेत्रों में लंबे समय से शिक्षकों के न आने के कारण कई विषयों के तो शिक्षक ही नहीं हैं। साथ ही देहात क्षेत्र के शिक्षकों को शहरी क्षेत्र में पढ़ाने की इजाजत भी विभाग नहीं देता। इन सबके बीच अगर बच्चों की संख्या के हिसाब से शिक्षकों का अनुपात निकालें तो यहां शिक्षकों की संख्या काफी कम मिलेगी। मानक के विपरीत एक शिक्षक बहुत ज्यादा बच्चों को पढ़ाने के लिए मजबूर हो रहा है। लगातार बच्चों को पढ़ाने के बाद इन शिक्षकों को विभाग सांस लेने का मौका भी नहीं दे रहा है। बच्चों के आधार कार्ड बनवाने से लेकर अपार आईडी का जिम्मा ये शिक्षक उठा रहे हैं।

मिड डे मील में बच्चों को भोजन खिलाने की जिम्मेदारी निभा रहे शिक्षकों पर चुनाव से संबंधित कार्यों का बोझ डाला जा रहा है। तमाम समस्याओं को लेकर शिक्षक आवाज उठा रहे हैं, लेकिन जिम्मेदार उनकी समस्याओं पर ध्यान नहीं दे रहे हैं।

स्कूलों में स्टाफ की कमी से गैर शैक्षणिक कार्य करना मजबूरी

रामपुर। सरकारी स्कूलों में शिक्षकों को शिक्षा का आधार माना जाता है, लेकिन वर्तमान समय में वे पढ़ाने के अलावा कई गैर-शैक्षणिक कार्यों में उलझे हुए हैं। इनमें जनगणना, चुनाव ड्यूटी, मिड-डे मील का प्रबंधन, और सरकारी योजनाओं से संबंधित डेटा एंट्री जैसे कार्य शामिल हैं। इनके अतिरिक्त जिम्मेदारियों के कारण शिक्षकों का मुख्य कार्य, यानी बच्चों को शिक्षित करना, प्रभावित हो रहा है। बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान देने के लिए शिक्षकों को इन गैर-शैक्षणिक कार्यों से मुक्त किया जाना चाहिए। शिक्षकों ने कहा कि स्कूलों में क्लर्क और अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति के माध्यम से इन कार्यों का प्रबंधन किया जाए, ताकि शिक्षक अपने समय और ऊर्जा को केवल बच्चों के भविष्य को संवारने में लगा सकें। जब शिक्षक पूरी तरह शिक्षण पर ध्यान देंगे, तभी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा और देश की नई पीढ़ी को बेहतर भविष्य मिलेगा। शिक्षा का स्तर सुधरेगा।

स्कूलों में हो सुरक्षाकर्मियों की नियुक्ति, लगें सीसीटीवी कैमरे

शिक्षकों ने बताया कि गांव के सरकारी स्कूलों में चोरी की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं, जो शिक्षा व्यवस्था और स्कूल के संचालन के लिए बड़ी चुनौती बन गई है। स्कूलों में रखे गए कंप्यूटर, फर्नीचर, किताबें और अन्य शैक्षणिक सामग्री चोरी हो जाने से बच्चों की शिक्षा प्रभावित हो रही है। स्कूलों में सुरक्षाकर्मियों की नियुक्ति,सीसीटीवी कैमरे लगाना चाहिए। शिक्षकों ने सरकार से स्कूलों में सुरक्षा उपायों को प्राथमिकता देने की मांग की है।

आधार बनवाना और चुनाव की जिम्मेदारी भी शिक्षकों के भरोसे: शिक्षकों की मानें तो विभाग हर मामले में उन्हीं पर नकेल कसने के लिए तैयार रहता है। शिक्षक पढ़ाने के साथ ही बच्चों का आधार भी बनवाएं और चुनाव के समय वोटिंग भी शिक्षक कराएं। स्कूलों में क्लर्कों की नियुक्ति होनी ही चाहिए।

शिक्षकों की तैनाती उनके मूल ब्लॉकों में ही की जाए

रामपुर। शिक्षकों ने बताया कि एक ही पद पर 10 वर्ष सेवा पूर्ण होने पर चयन वेतनमान व एक ही पद पर 12 वर्ष सेवा पूर्ण होने पर प्रोन्नत वेतनमान प्रत्येक शिक्षक का विभाग को स्वत: ही लगवा दिया जाना चाहिए। ऐसा नहीं होने से शिक्षकों का आर्थिक व मानसिक शोषण हो रहा है।

शिक्षक कई-कई किमी दूर से प्रतिदिन बाइक से ड्यूटी करने आते हैं। शिक्षकों की तैनाती उनके ब्लॉकों में की जाए, जिससे वह घर के पास स्थित विद्यालयों में सुविधाजनक तरीके से अध्यापन कार्य कर सकें। राजकीय शिक्षकों, कर्मचारियों और सफाईकर्मियों की तरह परिषदीय शिक्षकों को भी राज्य सरकार की पंडित दीनदयाल उपाध्याय राज्य कर्मचारी कैशलेस चिकित्सा योजना का लाभ प्रदान किया जाना चाहिए। शिक्षकों से गैर विभागीय कार्य नहीं लिया जाए। शिक्षकों से राज्य कर्मचारियों की भांति सारे काम लिए जा रहे हैं। उसी अनुसार देयकों का भुगतान भी किया जाए। अतिरिक्त अन्य कार्यों के बदले धनराशि व अन्य भत्ते भी प्रदान किया जाए। योग्यता के अनुसार पदोन्नति उच्च पदों पर की जानी चाहिए। विद्यालय के साथ कार्यों के लिए विभाग के एक अन्य संस्था बनाई जाए।

यूनिफॉर्म वाला फोटो अपलोड करना बड़ी चुनौती

परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को डीबीटी के माध्यम से यूनिफॉर्म व जूते-मोजे के लिए 1200 रुपये दिए जाते हैं। जिले में काफी बच्चों को डीबीटी का पैसा मिल चुका है, लेकिन पोर्टल पर यह संख्या अभी काफी कम है। यूनिफॉर्म के साथ प्रत्येक बच्चे का फोटो पोर्टल पर अपलोड करने का जिम्मा शिक्षकों के पास ही है। समस्या यह है कि कहीं जगह एक शिक्षक ही हैं और वे पोर्टल पर फोटो अपलोड करें या बच्चों को पढ़ाएं।

सुझाव

1. वर्षों से लंबित शिक्षकों को पदोन्नति किया जाना चाहिए। इनकी वरिष्ठता सूची का निर्धारण भी जल्दी ही होना जरूरी है। इससे शिक्षकों को खुशी होगी।

2. स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती होनी चाहिए। परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों की संख्या कम है। संख्या बढ़े तो शिक्षकों पर काम का बोझ कम होगा।

3. अंतर्जनपदीय शिक्षकों के स्थानांतरण में पारदर्शी व्यवस्था हो। पेयर व्यवस्था की कमान बीएसए को ही मिलनी चाहिए।

4. ग्रामीण क्षेत्र के कई स्कूलों तक जाने के लिए मार्ग बेहतर नहीं हैं। विद्यालयों में बेहतर से बेहतर सुविधाएं दी जाएं।

5. पुरानी पेंशन की बहाली की जाए क्योंकि एनपीएस में भविष्य सुरक्षित नहीं है। इस समस्या से शिक्षक परेशान हैं। इसमें सुधार किया जाए।

शिकायतें

1. परिषदीय विद्यालयों में वर्ष 2016 के बाद से पदोन्नति नहीं हुई। काफी संख्या में प्रभारी प्रधानाध्यापक का दायित्व शिक्षकों के पास ही है।

2. ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालयों तक जाने के लिए रास्ता तक सही नहीं हैं। बरसात में रास्तों व विद्यालयों में पानी तक आ जाता है। बाढ़ के पानी से दिक्कत होती है।

3. ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालय में बिजली की व्यवस्था अच्छी नहीं है। स्मार्ट क्लास संचालित करने व विभागीय कार्यों में काफी दिक्कतें आती हैं।

4. स्कूलों में सफाई को लेकर ध्यान नहीं दिया गया। शिक्षक खुद खर्च कर सफाई कराते हंै।

5. स्कूलों में ऑनलाइन कार्य करने के लिए ग्राम पंचायतों या न्याय पंचायतों में कम्प्यूटर ऑपरेटर नियुक्त होने चाहिए।

विभागीय कामकाज पूरी तरह ऑनलाइन हो चुका है। शिक्षकों को डाटा एंट्री, पोर्टल अपडेट और अन्य तकनीकी कार्यों में उलझना पड़ता है। इसके लिए प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।

-अंजुल प्रभाकर, प्रधानाचार्य

शिक्षकों से केवल पठन-पाठन का कार्य लेना चाहिए। गैर विभागीय कार्यों में उनकी ड्यूटी लगा दी जाती है। ऑनलाइन काम के लिए क्लर्क की नियुक्ति की जानी चाहिए।

– ललिता, शिक्षिका

सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए आवश्यक है कि सफाई कर्मियों की नियुक्ति की जाए। इससे स्वच्छ वातावरण का माहौल बनेगा। बच्चे प्रेरित होंगे। -सोनी गुप्ता, शिक्षिका

शिक्षिकाओं के सीसीएल और मैटरनिटी अवकाश के आवेदनों को शासनादेश के अनुसार समय से निस्तारित किया जाए। बिना ठोस कारण के आवेदन निरस्त न किया जाए।

-विशाखा सिंह, शिक्षिका

स्कूल तक पहुंचने वाला मार्ग सुगम नहीं होगा, तो समस्या बनी रहेगी। स्कूलों वाले मार्ग ठीक किए जाने चाहिए। इससे शिक्षकों की दिक्कतें कम होंगी। शिक्षक स्कूल समय पर पहुंच सकेंगे।

-नूतन सिंह गहरवार, शिक्षिका

शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल करनी चाहिए। शिक्षक और कर्मचारी के भविष्य के लिए पुरानी पेंशन ही एकमात्र सहारा है।

-शिवानी सक्सेना, शिक्षिका

शिक्षकों के चयन, वेतनमान और प्रोन्नत समय से किया जाए। नए शासनादेश के अनुसार पोर्टल के माध्यम से कार्रवाई अति शीघ्र की जानी चाहिए।

– सपना सक्सेना , शिक्षिका

शिक्षकों में शहरी व ग्रामीण क्षेत्र का कैडर समाप्त किया जाना चाहिए। इसके अलावा शिक्षकों को अतिरिक्त सुविधा मिलनी चाहिए। पुरुष शिक्षकों को भी अवकाश मिलना चाहिए।

– नीतू सिंह, शिक्षिका

शिक्षकों के स्थानांतरण समयबद्ध तरीके से किए जाए। इससे शिक्षक अनावश्यक परेशानी से बचे रहें और पूर्ण मनोयोग से अपनी कर्तव्य पर ध्यान दे सकेंगे। ्क्षिषका में सुधार होगा।

– शालिनी रावत, शिक्षिका

शिक्षकों को भी राज्य कर्मचारियों की तरह चिकित्सकीय सुविधा मिलनी चाहिए। इसके अलावा वेतन विसंगति दूर होनी चाहिए। साथ ही शिक्षकों से पढ़ाई के अलावा अन्यत्र काम हटा लेने चाहिए। -लवी चौधरी, शिक्षिका

हम सरकार और संबंधित विभाग से आग्रह करते हैं कि प्राथमिक स्कूलों में सफाई कर्मियों, क्लर्कों की आवश्यकता को समझें और इन पदों पर नियुक्ति शीघ्र करें।

-राकेश विश्वकर्मा , शिक्षक

लंबे समय से शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हुई है। इस कारण काफी परेशानी हो रही है। साथ ही समय पर शिक्षकों को अवकाश तक नहीं मिल पा रहा है।

– रविंद्र गंगवार, शिक्षक

स्कूलों में नामांकन और नियमित उपस्थिति पर भी शिक्षकों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। नियमित उपस्थिति में राहत मिलना चाहिए। इससे हमारी समस्या कम होगी।

-अंजुम सक्सेना, शिक्षक

शिक्षकों का डीए और बोनस का एरियर प्रत्येक वर्ष समय से प्राप्त नहीं होता है। शिक्षकों के सभी प्रकार के एरियर समय से ऑनलाइन निस्तारित किए जाने चाहिए।

-विपेंद्र, शिक्षक

Related Articles

PRIMARY KA MASTER NOTICE

✍नोट :- इस ब्लॉग की सभी खबरें Google search से लीं गयीं, कृपया खबर का प्रयोग करने से पहले वैधानिक पुष्टि अवश्य कर लें, इसमें BLOG ADMIN की कोई जिम्मेदारी नहीं है, पाठक ख़बरे के प्रयोग हेतु खुद जिम्मेदार होगा!

PRIMARY KA MASTER

PRIMARY KA MASTER | primary ka master current news | primarykamaster | PRIMARY KA MASTER NEWS | primarykamaster news | up primary ka master | primary ka master | up ka master | uptet primary ka master | primary ka master com | प्राइमरी का मास्टर | basic siksha news | upbasiceduparishad |up basic news | basic shiksha parishad | up basic shiksha parishad | basic shiksha | up basic shiksha news | basic shiksha parishad news | basic news | up basic shiksha | basic shiksha news today | बेसिक शिक्षा न्यूज | बेसिक शिक्षा समाचार |basicshikshakparivar| basic shikshak parivar | basic shiksha samachar | basic ka master | basic shiksha com | up basic education news | basic shiksha vibhag | up basic shiksha latest news | Basicshikshak | up basic shiksha parishad news | uptet news | uptet latest news | uptet help | uptet blog | up tet news| updatemarts | update mart | SUPER TET | uptet latest news | uptetnews | www updatemarts com| updatemartsnews | ctet | d.el.ed | updeled | tet news | gurijiportal | upkamaster | basicshikshakhabar | primarykateacher | Shikshamitra | up shiksha mitra | shikhsa mitra news | govtjobsup | rojgarupdate | sarkari results | teachersclubs | sarkari master | sarkariresults| shasanadesh | tsctup |basicmaster | Basicguruji | sarkari rojgar

© Basic Shiksha Khabar | PRIMARY KA MASTER | SHIKSHAMITRA | Basic Shiksha News | UpdateMarts | Primarykamaster | UPTET NEWS

icons8-whatsapp-96