दिल्ली। नए इनकम टैक्स बिल के तहत आयकर अधिकारी सिर्फ छापे या तलाशी अभियान के दौरान ही करदाता के डिजिटल या सोशल मीडिया खातों और कंप्यूटर उपकरण तक पहुंच हासिल कर उनकी जांच कर सकेंगे। आयकर विभाग के एक शीर्ष अधिकारी ने सोमवार को बताया, ऐसी शक्तियां 1961 के अधिनियम में पहले से मौजूद हैं। इन्हें आयकर बिल में सिर्फ दोहराया गया है। इसका मकसद आम करदाताओं की ऑनलाइन गोपनीयता का उल्लंघन करना नहीं है।
अधिकारी ने बताया, छापे या तलाशी अभियान के दौरान भी इस शक्ति का इस्तेमाल तभी किया जाएगा, जब करदाता डिजिटल स्टोरेज ड्राइव, ईमेल, क्लाउड और वॉट्सएप या टेलीग्राम जैसे संचार प्लेटफॉर्म के पासवर्ड साझा करने से इन्कार करेगा। अगर किसी करदाता का मामला जांच के दायरे में आ जाए, तो भी उसकी गोपनीयता बरकरार रखी जाएगी।
आयकर अधिकारियों का कहना है कि डिजिटल खातों से साक्ष्य जुटाना न सिर्फ कोर्ट के समक्ष टैक्स चोरी साबित करने के लिए जरूरी है, बल्कि उस रकम की सही गणना के लिए भी आवश्यक है।
