पीडीडीयू नगर (चंदौली): रेल मंडल पंडित दीनदयाल उपाध्याय (पीडीडीयू) की पदोन्नति संबंधी परीक्षा में भ्रष्टाचार मिलने पर सीबीआइ द्वारा 26 अधिकारियों व कर्मचारियों की मंगलवार को गिरफ्तारी के अगले दिन रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) ने कई बड़े निर्णय लिए हैं। अब रेलवे में चल रही प्रमोशन की सभी विभागीय परीक्षाएं निरस्त कर दी गई हैं। चार मार्च की घटना के बाद अब तक जहां भी परीक्षाएं हुई हैं और जिनका परिणाम नहीं आया है, उनको भी निरस्त कर दिया गया है। इतना ही नहीं, सभी तरह की ग्रुप सी की परीक्षाएं भी निरस्त कर दी गई हैं। अब पदोन्नति संबंधी कोई भी परीक्षा स्थानीय स्तर पर नहीं होगी। परीक्षाओं का आयोजन रेलवे भर्ती बोर्ड खुद करेगा। दिल्ली स्थित रेलवे बोर्ड की उच्चस्तरीय बैठक में यह

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निर्णय लिया गया है।
पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सरस्वती चंद्र
ने बताया कि अब सभी विभागीय पदोन्नति की परीक्षाएं आरआरबी द्वारा केंद्रीयकृत कंप्यूटर आधारित परीक्षा (सीबीटी) के माध्यम से कराई जाएंगी। सभी क्षेत्रीय रेलवे परीक्षा के लिए एक कैलेंडर बनाया जाएगा, जिसके आधार पर ही परीक्षा होगी। हाल के वर्षों में आरआरबी की ओर से आयोजित पारदर्शी, निष्पक्ष व अत्यधिक प्रशंसनीय परीक्षाओं के लंबे अनुभव के बाद यह निर्णय लिया गया है। अब तक आरआरबी के माध्यम से सात करोड़ से अधिक उम्मीदवारों की परीक्षा बिना किसी पेपर लीक, प्रतिरूपण, रिमोट लाग इन व जासूसी उपकरणों के उपयोग के कंप्यूटर आधारित परीक्षणों के
मंडल रेल प्रबंधक कार्यालय के वाहर पसरा सन्नाटा जागरण
माध्यम से ली गई हैं।
26 अधिकारी व कर्मी निलंबितः
कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के नियमावली के अनुसार यदि किसी अधिकारी या कर्मचारी के ऊपर पुलिस या अन्य जांच एजेंसियां रिपोर्ट दर्ज करती हैं तो उसे निलंबित माना जाएगा। इसी क्रम में सीबीआइ ने जिन 26 अधिकारी व कर्मचारियों की गिरफ्तारी किया है विभाग उन्हें निलंबित मान रूप है। भ्रष्टाचार को लेकर इतनी बड़ी कार्रवाई में कोई भी रेल अधिकारी फिलहाल बोलने को तैयार नहीं हो रहा है। सीबीआइ छापे के बाद बुधवार को पीडीडीयू मंडल रेल कार्यालय में सन्नाटा पसरा रहा। अधिकारी व कर्मचारी मोबाइल फोन पर एक-दूसरे से बात करने से कतराते रहे। फिलहाल अभी तक सीबीआइ की तरफ से किसी को नोटिस नहीं आया है।
गिरफ्तार अधिकारियों व कर्मियों की सूवीः वरीय मंडल विद्युत अभियंता
(परिचालन) सुशांत पराशर, वरीय मंडल कार्मिक अधिकारी सुरजीत कुमार सिंह, मुख्य कार्यालय अधीक्षक (कार्मिक) संजय कुमार मिश्रा, मुख्य कार्यालय अधीक्षक नीरज कुमार वर्मा, मुख्य लोको निरीक्षक (सेवानिवृत) रामायण प्रसाद और मुख्य लोको निरीक्षक
अजीत कुमार सिंह। इनके अलावा लोको पायलट जयप्रकाश सिंह, कन्हैया कुमार सिंह, सुमित कुमार, शिवनाथ कुमार, सूर्यनाथ, संतोष कुमार, मिथलेश कुमार, मनोज कुमार पासवान, राजनारायण सिंह, साघुशरण प्रसाद, नरेन्द्र कुमार सिंह, जितेन्द्र कुमार, दिनेश कुमार राम, प्रशांत किशोर सिंह, गौरव कुमार पाठक, विनोद कुमार सिंह, दीपक प्रकाश, आजाद कुमार, राकेश कुमार व अनीश कुमार।
सीबीआइ के राडार पर केवल आरोपित अधिकारी व कर्मचारी ही नहीं, बल्कि उनके परिवार के लोग भी हैं। बाकले ग्राउंड स्थित अधिकारी आवास में लगभग 50 से अधिक मोबाइल फोन की डिटेल भी निकाली जा रही है। इसका कारण यह है कि सीबीआइ को वरीय मंडल कार्मिक अधिकारी सुरजीत व वरीय मंडल विद्युत अभियंता (परिचालन) सुशांत पराशर के पास से नकदी बरामद हुई थी। सीबीआइ ने भले ही पूछताछ कर वरीय मंडल विद्युत अभियंता (कर्षण-वितरण) इंदु प्रकाश को छोड़ दिया गया है, लेकिन वह भी अहम कड़ी हैं और जांच के दायरे में है। 19 लोको पायलट, कार्यालय अधीक्षक सहित पांच लोगों व दो अधिकारियों की गिरफ्तारी सीबीआइ द्वारा हो चुकी है