प्रयागराज।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय को 12 (बी) का दर्जा प्रदान कर दिया है। यूजीसी की धारा 12 (बी) में शामिल होने के बाद मुक्त विश्वविद्यालय को शैक्षणिक गतिविधियों व अनुसंधान के लिए अनुदान मिलने का रास्ता साफ हो गया है।
यूजीसी की ओर से बुधवार को मान्यता पत्र जारी कर दिया गया है, – जिसमें संयुक्त सचिव ने कहा है कि मुक्त विश्वविद्यालय द्वारा प्रस्तुत प्रस्ताव का संज्ञान लेते हुए एक विशेषज्ञ कमेटी का गठन किया गया, जिसने सात व आठ अक्तूबर 2024 को मुक्त विश्वविद्यालय का ऑनलाइन निरीक्षण और दस्तावेजों

यूजीसी ने दिया 12 (बी) का दर्जा, वित्तीय सहायता मिलने का रास्ता साफ
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का सत्यापन किया। विशेषज्ञों की रिपोर्ट के आधार पर मुक्त विवि को 12 (बी) की मान्यता का पत्र जारी किया गया है।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सत्यकाम ने बताया कि मुक्त विश्वविद्यालय यूजीसी की धारा 12 (बी) का दर्जा प्राप्त करने वाला प्रदेश का पहला मुक्त
विश्वविद्यालय बन गया है। धारा 12 (बी) का दर्जा प्राप्त करने के बाद मुक्त विश्वविद्यालय विभिन्न योजनाओं, परियोजनाओं, शोध कार्यों, गोष्ठियों, संगोष्ठियों, कार्यशालाओं के लिए वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकेगा।
कुलपति प्रो. सत्यकाम ने बताया कि यूजीसी से 12 (बी) का दर्जा प्राप्त होने से विश्वविद्यालय के शिक्षक और छात्र यूजीसी, भारत सरकार या केंद्र सरकार की विभिन्न शोध और शैक्षणिक गतिविधियों के संचालन के लिए धन प्राप्त करने वाले किसी भी संगठन से अनुदान प्राप्त करने के पात्र हो जाते हैं। इससे शोध पहलों और बुनियादी ढांचे के विकास को काफी बढ़ावा मिलेगा।
कुलपति ने इस उपलब्धि को विश्वविद्यालय के शिक्षकों,
कर्मचारियों और छात्रों की कड़ी मेहनत व समर्पण का परिणाम बताया, जिन्होंने शिक्षा व अनुसंधान के उच्च मानकों को बनाए रखने के लिए अथक परिश्रम किया है। कहा कि उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के लिए गौरव का क्षण है। मुक्त विवि आने वाले वर्षों में शिक्षा व अनुसंधान में उत्कृष्टता के लिए प्रयास करता रहेगा।
प्रो. सत्यकाम ने कहा कि 12 (बी) का दर्जा हासिल करने से शोध की दिशा में अग्रसर मुक्त विश्वविद्यालय के शोध कार्यों को गति मिलेगी। सरकार द्वारा घोषित उद्यमिता, कौशल विकास व स्टार्टअप से संबंधित विभिन्न योजनाओं को सरकार द्वारा वित्त पोषित किया जा सकेगा और शिक्षकों एवं अनुवेषकों की पदोन्नति को नई दिशा व गति मिलेगी।