इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने को लेकर हाईकोर्ट के आदेश पर निर्णय लेने के लिए सरकार को एक माह का और समय दिया है। कोर्ट ने बेसिक शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव को अगली तिथि एक मई को आदेश के अनुपालन में हलफनामा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।

- साथियो महानिदेशक महोदय स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा जी तथा शिक्षा निदेशक महोदय बेसिक प्रताप सिंह बघेल जी के आमंत्रण पर विद्यालय मर्जर एवं अन्य शिक्षक समस्याओं पर प्रतिनिधि मंडल के साथ विस्तृत चर्चा हुई।
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- जिन साथियों द्वारा अपने विद्यालय की उपस्थिति लॉक करना भूल जाते हैं परिणामस्वरूप संबंधित माह का वेतन भी प्राप्त नहीं होता है, वेतन प्राप्ति हेतु आपको निम्नवत चरणों का पालन करना होगा
- बेसिक शिक्षा परिषद सरप्लस अध्यापकों की संख्या की लिस्ट जारी ।
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यह आदेश न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय ने वाराणसी के विवेकानंद की अवमानना याचिका पर दिया है। कोर्ट ने अगली सुनवाई की तिथि एक मई निर्धारित की है। याचियों की ओर से अधिवक्ता सत्येंद्र चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि 2023 में शिक्षामित्रों ने समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग करते हुए याचिका दाखिल की थी। कोर्ट ने शिक्षामित्रों के मानदेय को न्यूनतम मानते हुए राज्य को समिति का गठन कर एक सम्मानजनक मानदेय निर्धारित करने का निर्देश दिया था। समिति का गठन व मानदेय बढ़ाए जाने पर सरकार की ओर से कोई फैसला नहीं लेने पर अवमानना याचिका दाखिल की थी।
सोमवार को अवमानना याचिका पर राज्य के वकील ने कोर्ट को बताया कि मानदेय में वृद्धि के लिए संबंधित विभागों के बीच परामर्श अभी जारी है। कोर्ट के पूर्व में पारित आदेश के अनुपालन के लिए दो माह का और समय देने की प्रार्थना की। इस पर कोर्ट ने एक माह का समय देते हुए अगली सुनवाई की तिथि एक मई निर्धारित की है।