इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शिक्षामित्रों का मानदेय बढ़ाने को लेकर हाईकोर्ट के आदेश पर निर्णय लेने के लिए सरकार को एक माह का और समय दिया है। कोर्ट ने बेसिक शिक्षा विभाग उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव को अगली तिथि एक मई को आदेश के अनुपालन में हलफनामा प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।

- COMPOSIT GRANT 2024-25 RELEASE 75% : वर्ष 2024-25 में परिषदीय प्राथमिक विद्यालय / उच्च प्राथमिक विद्यालय / कम्पोजिट विद्यालयों में कम्पोजिट स्कूल ग्राण्ट की शेष धनराशि अवमुक्त एवं व्यय किये जाने के सम्बन्ध में।
- Report card fund release : बेसिक शिक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश के अधीन संचालित विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों को वार्षिक परीक्षा/मूल्यांकन के उपरान्त रिपोर्ट कार्ड उपलब्ध कराने के सम्बन्ध में।
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यह आदेश न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय ने वाराणसी के विवेकानंद की अवमानना याचिका पर दिया है। कोर्ट ने अगली सुनवाई की तिथि एक मई निर्धारित की है। याचियों की ओर से अधिवक्ता सत्येंद्र चंद्र त्रिपाठी ने कहा कि 2023 में शिक्षामित्रों ने समान कार्य के लिए समान वेतन की मांग करते हुए याचिका दाखिल की थी। कोर्ट ने शिक्षामित्रों के मानदेय को न्यूनतम मानते हुए राज्य को समिति का गठन कर एक सम्मानजनक मानदेय निर्धारित करने का निर्देश दिया था। समिति का गठन व मानदेय बढ़ाए जाने पर सरकार की ओर से कोई फैसला नहीं लेने पर अवमानना याचिका दाखिल की थी।
सोमवार को अवमानना याचिका पर राज्य के वकील ने कोर्ट को बताया कि मानदेय में वृद्धि के लिए संबंधित विभागों के बीच परामर्श अभी जारी है। कोर्ट के पूर्व में पारित आदेश के अनुपालन के लिए दो माह का और समय देने की प्रार्थना की। इस पर कोर्ट ने एक माह का समय देते हुए अगली सुनवाई की तिथि एक मई निर्धारित की है।