पेंशन का विकल्प चुनने के बाद इसे बदल नहीं पाएंगे
नई दिल्ली, पेंशन कोष नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने केंद्रीय कर्मचारियों के लिए लाई जा रही एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) की अधिकांश शर्तें निर्धारित कर दी हैं। गुरुवार को जारी अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि कर्मचारियों को यह विकल्प मिलेगा कि वे एनपीएस के तहत यूपीएस का विकल्प चुनें या बिना यूपीएस विकल्प के एनपीएस को जारी रखें। एक बार विकल्प चुनने के बाद उसमें बदलाव नहीं किया जा सकेगा।

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- प्रभार प्रमाण पत्र (श्री ऋषभ कुमार अग्रवाल, वरिष्ठ वित्त एवं लेखाधिकारी बेसिक शिक्षा परिषद )
- समग्र शिक्षा के अंतर्गत जिला एवं ब्लाक परियोजना कार्यालयों में कार्यरत कार्मिकों की सूचना उपलब्ध कराए जाने के सम्बन्ध में
- सहायता प्राप्त शिक्षण संसथाओं के शिक्षकों/ शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के भविष्य निर्वाह निधि खातों के रख-रखाव के सम्बन्ध में।
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इसी के साथ, जिन कर्मचारी को सेवा से हटाया गया है या बर्खास्त किया गया है, या इस्तीफा लिया गया है, उन्हें यूपीएस या सुनिश्चित भुगतान विकल्प उपलब्ध नहीं होगा।
कैसे करें आवेदन सभी श्रेणियों के लिए नामांकन और दावा फॉर्म प्रोटीन सीआरए की वेबसाइट (https// www.npscra.nsdl.co.in/) पर ऑनलाइन उपलब्ध होंगे। कर्मचारियों के पास फॉर्म को भौतिक रूप से जमा करने का विकल्प भी होगा।
वीआरएस मामला स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) लेने वाले कर्मी भी यूपीएस ले सकते हैं लेकिन उनके लिए 25 साल की सेवा का प्रावधान लागू होगा। मतलब यह है कि उन्हें 60 साल की उम्र तक पूरी होने का इंतजार करना होगा। इसके बाद यूपीएस से जुड़ सकेंगे लेकिन इस दौरान उन्हें बाकी सुविधाएं मिलती रहेंगी।