उत्तर प्रदेश के 69 हजार सहायक शिक्षकों की भर्ती से जुड़े मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. पिछली सुनवाई के दौरान SC ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाई थी. जिसमें यूपी में 69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती की नई मेरिट लिस्ट जारी करने को कहा गया था. कल ये मामला नई बेंच के सामने लगेगा.
हाईकोर्ट ने दिया था ये फैसला
इलाहाबाद HC ने अपने फैसले में जून 2020 और जनवरी 2022 के सिलेक्शन लिस्ट को रद्द करते हुए यूपी सरकार का आदेश दिया था कि वो 2019 में हुए(ATRE) सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा के आधार पर 69 हज़ार शिक्षको के लिए नए सलेक्शन लिस्ट तीन महीने में जारी करें. हाई कोर्ट के आदेश के चलते बड़ी संख्या में शिक्षकों की नौकरी पर खतरा पैदा हो गया था.

अभ्यर्थियों ने खटखटाया SC का दरवाजा
इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. SC ने अभ्यर्थियों की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि वह मामले में परीक्षण करेगा और इस दौरान हाई कोर्ट का आदेश स्थगित रहेगा. साथ ही जून 2020 और जनवरी 2022 में जारी शिक्षकों की चयन लिस्ट को रद्द करने संबंधी हाईकोर्ट के आदेश पर भी रोक लगाई थी.
69 हजार सहायक शिक्षक भर्ती की टाइमलाइन
5 दिसंबर 2018 – 69 हजार सहायक शिक्षकों की भर्ती का नोटिफिकेशन जारी हुआ. इसमें करीब 4.31 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया.
6 जनवरी 2019 – को सहायक शिक्षकों की भर्ती परीक्षा हुई, जिसमें 4.10 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए.
12 मई 2020 – शिक्षक भर्ती के परिणाम जारी हुए. इसमें 1.47 लाख अभ्यर्थी सफल रहे. जनरल वर्ग का कटऑफ 67.11% और OBC का कटऑफ 66.73% रहा.
मई 2020 – रिजर्वेशन के नियमों का पालन न करने का हवाला देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई.
13 मार्च 2023- HC की बेंच ने मेरिट लिस्ट पर पुनर्विचार करने को कहा. आरक्षण के नियमों को लेकर कुछ टिप्पणियां भी कीं.
13 अगस्त 2024 – हाई कोर्ट ने की डबल बेंच ने सिंगल बेंच का फैसला रद्द कर दिया. आरक्षण के नियमों का पालन करते हुए नई मेरिट लिस्ट जारी करने का आदेश दिया. इस समय शिक्षकों की तैनाती हो चुकी थी.
(हाईकोर्ट की डबल बेंच ने कहा था- सामान्य वर्ग के लिए तय मेरिट में आने पर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी को सामान्य श्रेणी में ही माइग्रेट किया जाएगा. यह भी कहा गया कि वर्टिकल आरक्षण का लाभ हॉरिजेंटल आरक्षण वाले अभ्यर्थियों को भी दिया जाए.)
मौजूदा नियमों के मुताबिक राज्य सरकारें सरकारी नौकरियों में ओबीसी वर्ग को 27 फीसदी, एससी वर्ग को 21 फीसदी, और एसटी को 2 फीसदी आरक्षण देती हैं. यह वर्टिकल कोटा होता है. अगर कोई अभ्यर्थी ST वर्ग का है और दिव्यांग भी है. दिव्यांगों को 4% कोटा मिलता है. ऐसे में यह कोटा उसे ST वर्ग की सीटों में से ही दिया जाएगा. यह हॉरिजेंटल कोटा कहलाएगा.