केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के अंतर्गत आने वाले कर्मचारियों के लिए एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) का नया विकल्प पेश किया है। इस योजना में कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद निश्चित पेंशन (Guaranteed Pension) का लाभ मिलेगा, जो शेयर बाजार या डेट मार्केट के उतार-चढ़ाव से प्रभावित नहीं होगी। वहीं, एनपीएस एक बाजार-आधारित योजना है, जहां पेंशन राशि बाजार के प्रदर्शन पर निर्भर करती है। यूपीएस में कर्मचारियों को प्रतिमाह न्यूनतम 10,000 रुपये पेंशन की गारंटी होगी।

यूपीएस की मुख्य बातें:
यह योजना 1 अप्रैल, 2025 से लागू होगी।
एक बार यूपीएस चुनने के बाद कर्मचारी दोबारा एनपीएस में वापस नहीं जा सकेंगे।
पेंशन की गणना के लिए एक निश्चित फॉर्मूला तय किया गया है।
पेंशन कैलकुलेशन का फॉर्मूला:
पेंशन राशि = [पिछले 12 महीने के बेसिक वेतन का औसत] × 50% × (सेवा अवधि / 25)
शर्तें:
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यदि सेवा अवधि 25 वर्ष या अधिक है, तो पूरे 50% का लाभ मिलेगा।
यदि सेवा अवधि 25 वर्ष से कम है, तो पेंशन राशि अनुपातिक (प्रो-राटा) आधार पर कम होगी।
न्यूनतम गारंटीड पेंशन 10,000 रुपये प्रतिमाह होगी।
उदाहरणों के साथ समझें:
स्थिति 1: सेवा अवधि 25 वर्ष या अधिक
मान लीजिए, रिटायरमेंट के समय कर्मचारी का औसत बेसिक वेतन 12,00,000 रुपये (वार्षिक) है।
गणना:
मासिक औसत = 12,00,000 ÷ 12 = 1,00,000 रुपये
पेंशन = 1,00,000 × 50% = 50,000 रुपये प्रतिमाह
स्थिति 2: सेवा अवधि 25 वर्ष से कम
मान लीजिए, कर्मचारी ने 20 वर्ष सेवा दी है।
गणना:
प्रो-राटा फैक्टर = 20 ÷ 25 = 0.8
पेंशन = 1,00,000 × 50% × 0.8 = 40,000 रुपये प्रतिमाह
स्थिति 3: न्यूनतम गारंटीड पेंशन
यदि किसी कर्मचारी का बेसिक वेतन कम होने के कारण गणना से प्राप्त पेंशन 10,000 रुपये से कम आती है, तो उसे न्यूनतम 10,000 रुपये प्रतिमाह ही मिलेगा।
उदाहरण: बेसिक वेतन = 15,000 रुपये
गणना: 15,000 × 50% = 7,500 रुपये
लेकिन अंतिम पेंशन = 10,000 रुपये
नोट:
यूपीएस का लाभ केवल उन्हीं कर्मचारियों को मिलेगा, जो स्वेच्छा से रिटायरमेंट नहीं लेते।
यदि कोई कर्मचारी स्वैच्छिक रिटायरमेंट लेता है, तो पेंशन की गणना रिटायरमेंट की मूल तिथि से ही की जाएगी।
इस योजना से सरकारी कर्मचारियों को वित्तीय सुरक्षा मिलेगी, क्योंकि पेंशन राशि बाजार के जोखिमों से मुक्त होगी।