इलाहाबाद विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग में मंगलवार दोपहर तकरीबन 12 बजे विभागाध्यक्ष और एसोसिएट प्रोफेसर के बीच जमकर मारपीट हो गई। घटना के बाद दोनों ने एक-दूसरे पर जान से मारने की कोशिश का आरोप लगाते हुए कर्नलगंज कोतवाली में तहरीर दी। मारपीट को लेकर कैंपस में चर्चाओं का बाजार गर्म रहा।
विभागाध्यक्ष प्रो. सुशील कुमार शर्मा ने तहरीर देकर आरोप लगाया है कि विभागीय कार्यवाही के लिए एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. कुमार पराग को बुलाया गया था। इस पर डॉ. पराग उग्र हो गए। गाली देते हुए जान से मारने की नीयत से उन पर लोहे की रॉड से हमला कर दिया। विभागाध्यक्ष ने सोने की चेन और रुद्राक्ष की माला छीनने का भी आरोप लगाया है। वहीं, एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. कुमार पराग ने विभागाध्यक्ष पर गालियां देने का आरोप लगाते हुए तहरीर दी है कि उन्होंने जान से मारने की नीयत से उनका गला दबाया था। बचाव में उनकी उंगली में फ्रैक्चर हो गया है। इसके अलावा कई जगह चोटें आई हैं।
विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से इस संबंध में आंतरिक जांच कराई जाएगी। विस्तृत जानकारी प्राप्त होने के बाद ही प्रकरण पर कुछ कहा जा सकता है।

-प्रो. जया कपूर, पीआरओ, इविवि।
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छात्रों की तरह भिड़े दोनों शिक्षक, जमकर चले लात-घूंसे
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग में मंगलवार दोपहर विभागाध्यक्ष और एसोसिएट प्रोफेसर के बीच जिस तरह मारपीट की बात कही जा रही है और दोनों ओर से पुलिस को जैसी तहरीर दी गई उससे तो यही समझ में आता है कि दोनों के बीच जमकर जूतम पैजार हुई है।
घटना को लेकर विभागध्यक्ष प्रो. सुशील कुमार शर्मा ने पुलिस को दी तहरीर में आरोप लगाया है कि उन पर लोहे की रॉड से हमला किया गया। जिससे उनके सिर और सीने पर गंभीर चोट आई। इस दौरान उनकी लात-घूंसे से पिटाई की गई जिससे वह बेहोश हो गए। जब उनकी आंख खुली तो उन्होंने खुद को बेली अस्पताल में पाया। बेली में प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सकों ने एसआरएन अस्पताल रेफर कर दिया गया। प्रो सुशील इविवि की कार्य परिषद के सदस्य भी हैं।
वहीं एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. कुमार पराग ने तहरीर में आरोप लगाया है कि विभागध्यक्ष प्रो. सुशील कुमार शर्मा की ओर से उन्हें एक लीव अप्लीकेशन के मुद्दे पर बात करने के लिए विभाग में बुलाया गया था। विभागाध्यक्ष उनके जवाब से असहमत होकर डॉ. कुमार को गालियां देने लगे। तहरीर में आरोप है कि जब उन्होंने प्रतिवाद किया, तो उनका हाथ पकड़कर ऐंठ दिया और उनकी उंगली तोड़ दी। आरोप लगाया कि उन्होंने(विभागध्यक्ष ने) मेरी शर्ट फाड़ दी और हत्या के इरादे से उनकी गर्दन दबाते हुए जान से मारने की धमकी दी। डॉ. पराग ने कहा कि किसी तरह बचकर वह तत्काल विवि के स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचे जहां प्राथमिक उपचार के बाद बेली अस्पताल गया। आरोप लगाया कि बेली अस्पताल में सीनियर प्रोफेसर पहले से मौजूद थे। वहां पर कई और शिक्षक व छात्रों ने उन पर डंडे से जानलेवा हमला किया। इन लोगों ने डॉ पराग का अस्पताल का पर्चा भी फाड़ दिया। जिसके बाद डॉ. पराग प्राइवेट अस्पताल पहुंचे और उंगली में फ्रैक्चर होने के कारण प्लास्टर लगवाया। डॉ. पराग ऑटा की नई कार्यकारिणी के सदस्य भी हैं।
इस मामले में कर्नलगंज थाना प्रभारी पीके सिंह ने बताया कि तहरीर मिली है। मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद विधिक कार्यवाही की जाएगी।
ऑटा कार्यकारिणी के गठन पर विवाद की चर्चा
ऑटा की नई कार्यकारिणी के गठन के बाद इविवि के शिक्षक दो धड़ों में बंट गए हैं। इस नवगठित कार्यकारणी को अवैध बताते हुए पुरानी कार्यकारिणी ने कुलसचिव को हस्ताक्षर ज्ञापन सौंपा गया था।