श्रावस्ती : नेपाल सीमा से सटा यह जिला फर्जी शिक्षकों की बड़ी मंडी साबित हो रहा है। सात वर्ष में यहां से कूटरचित दस्तावेजों के सहारे नौकरी कर रहे 53 फर्जी शिक्षक बर्खास्त हो चुके हैं। इनमें से दे शिक्षक उच्च न्यायालय व सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर नौकरी कर रहे हैं।
कक्षा एक से आठ तक बच्चों को निश्शुल्क शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए 984 परिषदीय विद्यालयों में वर्तमान समय में 2200 शिक्षक तैनात हैं। वर्ष 2011 में विशिष्ट बीटीसी के तहत शिक्षकों की भर्ती शुरू हुई थी।

- परिषदीय विद्यालयों में नियुक्त ऐसे शिक्षक/शिक्षिका जो पूर्व में शिक्षामित्र के पद पर कार्यरत रहे हैं, को पुरानी पेंशन हेतु विकल्प पत्र भरने के सम्बन्ध में।
- विद्यालय में बिना अनुमति प्रवेश एवं उसके वैधानिक परिणाम
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- Primary ka master: फर्जी शिक्षकों की बड़ी मंडी साबित हो रहा जिला, रडार पर हैं कई और फर्जी शिक्षक
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अभिलेखों के सत्यापन में वर्ष 2018 में इकौना के प्राथमिक विद्यालय
लालपुर खतरा में तैनात सहायक शिक्षिका प्रीती शर्मा पर पहली कार्रवाई हुई। मुकदमा दर्ज होने के साथ इन्हें बर्खास्त भी किया गया
इकौना के प्राथमिक विद्यालय सेमरी तरहर में तैनात प्रधान शिक्षक विनय कुमार बर्खास्त होने के बाद उच्च न्यायालय के आदेश पर सेवारत हैं। इसी प्रकार सिरसिया के प्राथमिक विद्यालय डौरा बोझी में तैनात सहायक शिक्षक रामकुमार सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर नौकरी कर रहे हैं।
रडार पर हैं कई और फर्जी शिक्षक
जिलास्तरीय समिति की जांच में कई और फर्जी शिक्षकों के सेवारत होने की पुष्टि हो रही है। अभी विभागीय पड़ताल जारी है, लेकिन यह शिक्षक बेसिक शिक्षा विभाग के साथ प्रशासन के भी रडार पर हैं। बीएसए अजय कुमार ने बताया कि शासन के निर्देश पर सभी शिक्षकों के अभिलेखों का सत्यापन हो रहा है। इसमें कमी मिलने पर नोटिस दी जाती है।
अब तक बर्खास्त शिक्षकों का विवरण
अलग-अलग समय में पकड़े गए फर्जी शिक्षकों में सत्येंद्र सिंह, सुनील कुमार पांडेय, महेंद्र कुमार मिश्र, सर्वेश कुमार, विजय लक्ष्मी सिंह, आशीष कुमार, रामकुमार, देवेंद्र प्रताप, अनुराग यादव, राम अचल यादव, रामनवल, अजीत सिंह, सुनील कुमार, अरुण कुमार, कृष्ण कुमार, राजन शर्मा, सुरेंद्र प्रताप सिंह, रवींद्र कुमार शुक्ला, विजय शंकर मिश्र, मनोज कुमार सिंह, प्रतिभा त्रिपाठी, रमा त्रिपाठी, रीता देवी, प्रीती शर्मा, अजीत कुमार शुक्ल, कंहैया सिंह, गोपाल शर्मा, सोभनाथ, राजीव उपाध्याय, मनोज कुमार, अजय प्रताप पांडेय, विजय प्रकाश, सोनू सविता, सुभाष चंद्र, निधि कंचन, चंद्रप्रभा त्रिपाठी, राहुल कुमार वर्मा, सुमित शर्मा, सतीश कुमार, कर्मवीर, विनोद कुमार, अरुण कुमार, प्रशांत वर्मा, सुधीर कुमार, आलोक, प्रदीप, सुशील, जीतेंद्र सिंह, संजय व उमेश कुमार मिश्र का नाम शामिल है।
गैर जिला निवासी हैं अधिकांश
पकड़े गए फर्जी शिक्षकों में से अधिकांश बस्ती, गोरखपुर, कानपुर, कानपुर नगर, बलिया, देवरिया, उन्नाव, अंबेडकर नगर समेत अन्य जिलों के हैं। इनमें कई ऐसे भी हैं, जो दूसरे के नाम और शैक्षिक अभिलेखों पर नौकरी कर रहे थे।