चकिया (चंदौली) चकिया के मुजफ्फरपुर गांव के कंपोजिट विद्यालय में मंगलवार दोपहर आंगनबाड़ी में आया एक बच्चा एक घंटे तक कमरे में बंद रहा। रोने की आवाज सुनकर वहां काम कर रहे मजदूरों ने सूचना दी। इसके बाद बाद ताला खोलकर बच्चे को बाहर निकाला गया।
मुजफ्फरपुर गांव के कंपोजिट विद्यालय में आंगनबाड़ी केंद्र भी संचालित होता है। प्रतिदिन की तरह केंद्र पर तीन साल का सनी भी गया था। वह खेलते हुए बगल में विद्यालय के कक्षा एक के कमरे में चला गया। दोपहर बाद तीन बजे स्कूल की छुट्टी होने पर स्टाफ, आंगनबाड़ी सहायिका और अन्य बच्चे घर चले गए। चपरासी रजिंदर उर्फ राजेंद्र भी कमरों में ताला लगाकर घर चला गया। स्कूल परिसर में मरम्मत कार्य कर रहे मजदूरों ने किसी बच्चे के रोने की आवाज सुनी। जानकारी होते ही ग्रामीणों की भीड़ जुट गई। मजदूरों ने किसी तरह कमरे की खिड़की को खोला और बच्चे को शांत कराया।

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■ कंपोजिट विद्यालय मुजफ्फरपुर में मंगलवार की घटना ■ आंगनबाड़ी सहायिका की लापरवाही आई सामने
66 विद्यालय में तैनात प्रधानाध्यापक, सहायक अध्यापक और चपरासी की जिम्मेदारी है कि वह प्रत्येक कक्षाओं की तलाशी लेने के बाद ही ताला बंद कराएं। कमरे में आंगनबाड़ी के तीन साल के बच्चे के बंद होने की सूचना मिली है। यह बहुत गंभीर मामला है। इसकी जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
रामटहल, खंड शिक्षाधिकारी, चकिया।
इधर, बच्चा घर नहीं पहुंचा तो पिता सरजू प्रसाद और माता चिंता देवी भी तलाश करते मौके पर पहुंच गए। मामले की जानकारी होने पर लगभग एक घंटे बाद पहुंचे चपरासी रजिंदर ने ताला खोलकर बच्चे को बाहर निकाल कर उनके परिजनों को सौंपा।