प्रयागराज, । यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की कॉपियों का मूल्यांकन प्रदेश के 261 केंद्रों पर 19 मार्च से दो अप्रैल तक होगा। मूल्यांकन के लिए बोर्ड सचिव भगवती सिंह ने जिला विद्यालय निरीक्षकों (मुख्य नियंत्रक) के साथ ही परीक्षा केंद्रों के उपनियंत्रकों (प्रधानाचार्यों) को मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) भेजी है। सचिव ने साफ किया है कि प्रत्येक परीक्षक को प्रतिदिन हाईस्कूल में 50 कुल अवधि में 700 (कला विषय में 80 कुल अवधि में 800) एवं इंटरमीडिएट में 45 कुल अवधि में 600 से अधिक उत्तरपुस्तिकाएं नहीं दी जाएगी।

मूल्यांकन सीसीटीवी कैमरे की निगरानी में होगा और मांगे जाने पर सीसीटीवी रिकॉर्डिंग उपलब्ध करानी होगी। मुख्य नियंत्रक एवं उप नियंत्रक की यह जिम्मेदारी होगी कि वह मूल्यांकन कार्य से संबंधित नियुक्त व्यक्ति के अलावा कोई अन्य व्यक्ति मूल्यांकन केन्द्र में प्रवेश नहीं करेगा। अन्यथा की स्थिति में संबंधित के विरुद्ध सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अधिनियम, 2024 के तहत कार्रवाई की जाएगी। उप प्रधान परीक्षकों एवं परीक्षकों को भी मोबाइल फोन एवं अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण मूल्यांकन कक्ष में ले जाने पर रोक है।
- विद्यालय में बिना अनुमति प्रवेश एवं उसके वैधानिक परिणाम
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मूल्यांकन से पहले 17 मार्च को उप प्रधान परीक्षकों (डीएचई) और परीक्षकों को परीक्षा केंद्रों पर पहुंचना होगा जो डीएचई नहीं पहुंचेंगे, उनके स्थान पर वरिष्ठतम परीक्षक को उप प्रधान परीक्षक नियुक्त किया जाएगा। उप प्रधान परीक्षकों एवं परीक्षकों को 18 मार्च को मूल्यांकन संबंधी दिशा-निर्देश एवं प्रशिक्षण दिया जाएगा। हाईस्कूल विज्ञान एवं सामाजिक विज्ञान विषयों की उत्तर पुस्तिका के पैनल मूल्यांकन के लिए अर्ह परीक्षकों का पैनल बनाया जाएगा।