बेसिक शिक्षा विभाग के रिकॉर्ड से 50 हजार छात्रों के नामांकन के बारे में जानकारी नही हैं। पिछले साल की अपेक्षा इस साल जिले में 50552 छात्रों की संख्या में अंतर पाया गया है। इसके बारे में विद्यालयों ने कोई जानकारी नहीं देने पर ऑनलाइन समीक्षा के दौरान महानिदेशक स्कूल शिक्षा ने नाराजगी जताते हुए शिक्षा अधिकारी को कठोर कार्रवाई की चेतावनी दी है।
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शिक्षा विभाग की तरफ से इस सत्र से छात्रों के लिए अपार आईडी को अनिवार्य कर दिया गया है। इसके माध्यम से छात्रों के शैक्षणिक रिकॉर्ड को ऑनलाइन ट्रैक किया जा सकता है। एक मार्च को रिपोर्ट की समीक्षा करने पर पिछले साल और इस वर्ष के छात्रों की संख्या में 50552 छात्रों का अंतर पाया गया है।
इसके सापेक्ष अपार आईडी में भी 70 प्रतिशत का ही निर्माण हो पाया है। इन गड़बड़ियों पर महानिदेशक स्कूल शिक्षा की नाराजगी के बाद बीएसए रमेंद्र कुमार सिंह ने संबंधित विद्यालयों को नामांकन में अंतर के कारणों और अपार जनरेट नहीं करने पर दो दिन के भीतर जानकारी देने का आदेश दिया है। जानकारी नहीं देने पर जिम्मेदारों पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी।
वहीं प्राथमिक शिक्षक संघ के उपाध्यक्ष ज्ञानेंद्र ओझा ने बताया कि छात्रों का अधिक संख्या में विद्यालय में नामांकन में अंतर होने का कारण डुप्लीकेट एंट्री, अपार जनरेट नही होने से विद्यालय छोड़ना है। कई विद्यालयों में अभिभावक नामांकन कराने के बाद बच्चों का प्रवेश दूसरे विद्यालयों में करा देते हैं।
विद्यालयों द्वारा बार- बार अभिभावकों को कहने के बाद भी ऐसे बच्चे विद्यालय नहीं आते हैं। इस कारण वे दूसरे विद्यालय में शिक्षा ग्रहण कर रहे होते हैं। अपारआईडी बनने के बाद प्रवेश पारदर्शी हो गया है।
सूत्रों के अनुसार डुप्लीकेट एंट्री एक ही छात्र का नाम कई स्कूलों में दर्ज होने से डुप्लीकेट प्रवेश के कारण संख्या में अंतर दिखाई दे रहा है। कई छात्र सरकारी स्कूलों में मिलने वाली सुविधाओं के नाम पर इसमें प्रवेश ले लेते थे, जबकि वे निजी स्कूलों में पढ़ाई करते हैं।
अपार आईडी बनने के बाद वे एक ही स्कूल में पढ़ सकते हैं। इस कारण उन छात्रों की संख्या में कमी आई है। वहीं कुछ छात्र अपार आइडी नही बनने और बीच में पढ़ाई छोड़ने, ड्राॅप आउट के कारण उनका रिकार्ड नही मिल रहा है।
यह है अपार आईडी
अपार आईडी (ऑटोमेटिक परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री) देश भर के किसी भी निजी और सरकारी स्कूल में बच्चों की यूनिक शैक्षणिक आईडी है। इसके तहत प्रत्येक छात्र को 12 अंकों का एक यूनिक आईडी नंबर जारी किया जा रहा है जिसे अपार आईडी का नाम दिया गया है। जिसके माध्यम से उनके एक क्लिक से देश के किसी भी विद्यालय में प्रवेश लेने पर उसका विवरण उपलब्ध हो जाता है।