इस तरह का मामला 15000 भर्ती में भी आया था।
मगर उसमें डीएड आदि के लिए आवेदन हेतु बाद में वेबसाईट खोली गई थी। जिसमें कि बीटीसी को आवेदन करने से रोकने का कोई सिस्टम नहीं विकसित किया गया था। जिसका लाभ बीटीसी वालों ने भी ले लिया था।
जब विभाग ने बीटीसी का आवेदन निरस्त किया तो माननीय न्यायालय ने बीटीसी को राहत दे दी थी।
क्योंकि भूपेन नाथ हजारिका केस के अनुसार आवेदन की अंतिम डेट ही योग्यता की अंतिम डेट है।
माननीय न्यायालय ने डीएड आदि के लिए निर्धारित अंतिम डेट से बीटीसी को भी कवर कर दिया था।
अविचल
