पीसीएस का सत्र पटरी पर लाने में लगेगा वक्त
रिकॉर्ड समय में परिणाम देने वाले आयोग का बिगड़ा ‘रिकॉर्ड’
प्रयागराज। रिकॉर्ड समय में परिणाम देने वाले उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग का ट्रैक रिकॉर्ड एक पेपरलीक ने बिगाड़ दिया। आयोग ने पीसीएस-2023 का अंतिम परिणाम महज आठ माह नौ दिन में घोषित करके कीर्तिमान बनाया था। इसकी प्रारंभिक परीक्षा 14 मई 2023 को हुई थी और अंतिम चयन परिणाम 23 जनवरी 2024 को घोषित हो गया था। उससे पहले पीसीएस-जे परीक्षा-2022 का परिणाम लगभग सात महीने में घोषित हुआ था। पीसीएस-जे की प्रारम्भिक परीक्षा 12 फरवरी 2023 को हुई थी और अंतिम चयन परिणाम 30 अगस्त 2023 को घोषित हुआ था। पीसीएस 2022 का परिणाम भी तकरीबन दस महीने में जारी हुआ था।

प्रयागराज , समीक्षा अधिकारी (आरओ)/ सहायक समीक्षा अधिकारी (एआरओ) 2023 की प्रारंभिक परीक्षा के दौरान 11 फरवरी 2024 को पेपरलीक की घटना ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के सत्र को बेपटरी कर दिया है। आयोग की सबसे प्रतिष्ठित पीसीएस भर्ती को समय से पूरा करने में आयोग को कम से कम डेढ़ से दो साल का समय लग जाएगा। परीक्षाओं में नॉर्मलाइजेशन (मानकीकरण) के खिलाफ नवंबर में हुए ऐतिहासिक आंदोलन से उबर चुका आयोग अब अपने सत्र को पटरी लाने की रणनीति में जुट गया है। जो परिस्थितियां दिख रही हैं, उसमें अगले साल तक पीसीएस का सत्र नियमित होने की उम्मीद जताई जा रही है।
आरओ/एआरओ पेपरलीक के बाद आयोग को पीसीएस-2024 की परीक्षा भी रद्द करनी पड़ गई थी। 22 दिसंबर को पीसीएस-2024 की प्रारंभिक परीक्षा कराने के बाद आयोग अब 29 जून से इसकी मुख्य परीक्षा कराने जा रहा है। कोशिश है कि इस साल के अंत तक पीसीएस-2024 की चयन प्रक्रिया पूरी कर ली जाए। पीसीएस-2024 में हुई देरी का ही नतीजा है कि पीसीएस-2025 की प्रारंभिक परीक्षा 12 अक्तूबर को प्रस्तावित की गई है। पीसीएस-2025 की मुख्य परीक्षा अगले साल होगी तो निश्चित रूप से पीसीएस-2026 प्रारंभिक परीक्षा पर भी असर पड़ेगा। हालांकि पीसीएस के सत्र को पटरी पर लाने के लिए आयोग पीसीएस-2026 की भर्ती के लिए आवेदन इस साल दिसंबर से ही लेने की तैयारी कर रहा है। आयोग की योजना है कि पीसीएस-26 की चयन प्रक्रिया कैलेंडर वर्ष 2026 में ही पूरी कर ली जाए।