लखनऊः परिषदीय स्कूलों में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देकर स्मार्ट तरीके से पढ़ाई पर जोर दिया जा रहा है। इन विद्यालयों में 2.09 टैबलेट दिए गए हैं और 18 हजार से अधिक विद्यालयों में स्मार्ट क्लास बनाई जा चुकी हैं। डिजिटल लर्निंग को बढ़ावा देकर निजी स्कूलों की
तर्ज पर सरकारी विद्यालयों में भी पढ़ाई कराई जा रही है। छात्रों को आडियो-वीडियो के माध्यम से रोचक ढंग से कठिन से कठिन पाठ आसानी से समझाए जा रहे हैं।
प्रदेश के सभी ब्लाक में एक-एक इन्फार्मेशन कम्युनिकेशन टेक्नोलाजी (आइसीटी) लैब बनाई गई है। यहां पर परिषदीय उच्च
प्राथमिक स्कूलों के विद्यार्थियों को कंप्यूटर शिक्षा देने की व्यवस्था की गई है। बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह के मुताबिक आपरेशन कायाकल्प की मदद से विद्यालयों में मूलभूत सुविधाएं बढ़ाई गई हैं और इसके साथ ही डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को भी तेजी से बढ़ाया जा रूहा है।
शिक्षकों को जो टैबलेट दिए गए हैं, उसमें इंटरनेट की सुविधा दी गई है। विद्यालय में उपस्थिति सहित सभी 12 रजिस्टर को डिजिटल रजिस्टर में तब्दील कर आनलाइन सूचनाएं बेसिक शिक्षा विभाग को भेजी जा रही हैं और इस पर आनलाइन पाठ्य सामग्री भी भेजी जा रही है। नवभारत उदय कार्यक्रम के तहत
डिजिटल शिक्षा की नींव तैयार कर ली गई है। वर्ष 2022 से लेकर वर्ष 2024 तक सीतापुर में 59 स्मार्ट टीवी और पांच कंप्यूटर लैब स्थापित की गईं। अब आगे 501 प्राथमिक स्कूलों में स्मार्ट टीवी का वितरण किया जाएगा। छात्रों को रोचक ढंग से पढ़ाई कराने पर जोर दिया जा रहा है।

प्रवक्ताओं को ट्रिपल आइटी में पढ़ाया जा रहा कोडिंग व एआइ का पाठ
लखनऊः परिषदीय उच्च प्राथमिक स्कूलों में कक्षा छह से आठ तक के पाठ्यक्रम में कोडिंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) व डिजिटल लिटरेसी को शामिल किया गया है। ऐसे में शिक्षक इसे बेहतर ढंग से विद्यार्थियों को पढ़ा सकें इसके लिए इंडियन इंस्टीट्यूट आफ इनफार्मेशन टेक्नोलाजी (ट्रिपल आइटी), लखनऊ में जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थानों (डायट)
प्रवक्ताओं की ट्रेनिंग शुरू की गई है। डायट प्रवक्ता आगे परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों को ट्रेनिंग देंगे।
ट्रिपल आइटी में 25 अप्रैल तक चलने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ महानिदेशक, स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने किया। उन्होंने कहा कि तकनीकी का प्रयोग तेजी से बढ़ रहा है। एआइ और कोडिंग का तेजी से उपयोग बढ़ रहा है। ऐसे में विद्यार्थी इसका सतर्क होकर बेहतर ढंग से प्रयोग कर सकें इसके
लिए उन्हें दक्ष बनाया जाना जरूरी है। अभी डायट प्रवक्ताओं को यह प्रशिक्षण दिलाया जाएगा और आगे परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों को भी प्रशिक्षित किया जाएगा।
राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के निदेशक गणेश कुमार ने कहा कि ट्रिपल आइटी के विशेषज्ञों की मदद से शिक्षक तकनीकी क्षेत्र में हो रहे नव प्रयोगों के बारे में जानकारी हासिल कर सकेंगे। कार्यक्रम में
एससीईआरटी के संयुक्त निदेशक डा. पवन सचान ने कहा कि आगे सभी जिलों के 10-10 शिक्षकों को इसका प्रशिक्षण दिलाया जाएगा। कार्यक्रम में ट्रिपल आइटी के प्रोफेसर डा. दीपक सिंह और एशिया कोचिंग नेटवर्क के चेयरमैन प्रो. वीपी सिंह भी मौजूद रहे।