लखनऊ। महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए अब सोलर उत्पादों के उपयोग और बिक्री से जोड़ा जाएगा। प्रदेश में 3304 सोलर शॉप खोली जाएंगी, जिनका संचालन महिलाएं करेंगी। इसके साथ ही हर ग्राम पंचायत में एक सूर्य सखी भी बनाई जाएगी। उप्र राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (यूपीएसआरएलएम) ने अगले तीन साल के लिए यह लक्ष्य तय किया है और इसे हासिल करने के लिए काम भी शुरू कर दिया गया है।
यूपीएसआरएलएम के तहत स्वयं सहायता समूहों से जोड़कर महिलाओं को स्वरोजगार उपलब्ध कराने की कसरत लंबे समय से चल रही है। ये समूह विभिन्न तरह के व्यवसायिक गतिविधियों के सहारे समृद्ध हो रहे हैं। पूर्व में इन समूहों की महिलाओं को बीसी सखी और विद्युत सखी बनाने का प्रयोग आजमाया गया था।

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महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रही सरकार
अब सरकार ने महिलाओं को सौर ऊर्जा उत्पादों से जोड़ने की पहल शुरू की है। अगले तीन साल के लिए तैयार की गई कार्ययोजना के अनुसार हर मंडल में एक सोलर उत्पाद निर्माण इकाई की स्थापना की जाएगी। प्रदेश के सभी 826 ब्लाक में से हर एक में चार सोलर शॉप बनाई जाएंगी।
इस हिसाब पूरे प्रदेश में 3304 सोलर शाप स्थापित होंगीं और इनके संचालन का जिम्मा महिलाओं को सौंपा जाएगा। विभाग की योजना 20 हजार महिलाओं द्वारा स्थापित उद्यमों को डिस्ट्रिब्यूटेड रिन्यूएबल एनर्जी (डीआरई) उत्पादों से जोड़ा जाएगा। उद्यमों में सोलर फ्रीजर, सोलर कोल्ड स्टोरेज, सोलर आटा चक्की, सोलर ड्रायर, सोलर वाटर पंप, सोलर फूड प्रोसेसिंग मशीन आदि डीआरई उत्पादों का उपयोग कराया जाएगा।
पहले चरण में 10 हजार उद्यमों को जोड़ा जाएगा
पहले चरण में 10 हजार उद्यमों को इससे जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। योजना के तहत बीते वित्तीय वर्ष में लखनऊ में एक निर्माण इकाई स्थापित की जा चुकी है। 207 ब्लॉक में 414 सोलर शाप भी खोली गई हैं। इसके अलावा प्रदेश की सभी 57,702 ग्राम पंचायतों में समूह की एक महिला को सूर्य सखी के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा और 10 हजार पर्यावरण सखियां भी बनाई जाएंगीं।
यूपीएसआरएलएम की निदेशक दीपा रंजन ने बताया कि डीआरई तकनीक को लागू करने के लिए व्यापक स्तर पर काम शुरू कर दिया गया है। इसमें सहयोग के लिए के तहत ‘प्रेरणा ओजस’ नामक कंपनी बनाई गई है। वहीं सूर्य सखी बनाने का काम उप्र नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी (यूपीनेडा) के साथ मिलकर हो रहा है। सौर ऊर्जा के क्षेत्र से जुड़कर महिलाएं अधिक आय कर सकेंगी।