अब जिन बच्चों का आधार नहीं बना है उनका भी प्राइमरी स्कूलों में दाखिला होगा। ‘हिन्दुस्तान’ में तीन अप्रैल को ‘आधार न होने से प्राइमरी स्कूलों में दाखिले का संकट’ शीर्षक से प्रकाशित खबर का बीएसए ने संज्ञान लिया। बुधवार को बीएसए ने बिना आधार वाले बच्चों का दाखिला लिये जाने का आदेश जारी किया है।

जिले के सभी खण्ड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) को निर्देश दिया है कि स्कूलों के प्रधानाध्यापकों से बात कर बिना आधार वाले प्रत्येक बच्चे का नजदीकी प्राइमरी स्कूल में दाखिला सुनिश्चित कराएं। हालांकि दाखिला तो मिल जाएगा लेकिन अपार आईडी, सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाएगा।
लखनऊ में 1619 प्राइमरी स्कूल हैं। बीते सत्र में पौने दो लाख बच्चों का नामांकन था। पहली अप्रैल को नए सत्र के शुरू से ही प्राइमरी स्कूल के प्रधानाध्यापकों ने बिना आधार वाले बच्चों का दाखिले देने से मना कर दिया था। जिसकी वजह से नए बच्चों की नामांकन संख्या नहीं बढ़ रही है। सरकार और विभाग के अधिकारी बच्चों की संख्या बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं।
- शैक्षिक सत्र 2024-25 में बेसिक शिक्षा परिषद के अधीन संचालित विद्यालयों में कार्यरत शिक्षक/शिक्षिका के अन्तर्जनपदीय एवं अन्तः जनपदीय पारस्परिक स्थानान्तरण के सम्बन्ध में।
- Primary ka master: खण्ड शिक्षा अधिकारियों के स्वीकृत /कार्यरत / रिक्त पदों के साथ जनपद में कार्यरत खण्ड शिक्षा अधिकारियों की सूचना उपलब्ध कराने के सम्बन्ध में है।
- एक ही विद्यालय में समान नियुक्ति तिथि के एक से अधिक अध्यापक होने पर वरिष्ठता निर्धारण के संबंध में BSA का आदेश
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बिना आधार नहीं मिलेगा अपार और ड्रेस का पैसा
शिक्षकों का कहना है कि बीएसए के निर्देश पर इन बच्चों को दाखिले दे देंगे। बिना आधार नम्बर के अपार आईडी और यू डायस पर एंट्री कैसे करेंगे? छात्र-छात्राओं को यूनीफार्म का पैसा डीबीटी से अभिभावकों के खाते में नहीं जा पाएगा। शिक्षकों का कहना है कि गैर जिले और प्रदेश से आए बच्चों के पास जन्म प्रमाण पत्र नहीं है। इनके आधार नहीं बन पा रहे हैं। पार्षद और प्रधान लिखकर नहीं देते हैं। इससे निवास व जन्म प्रमाण पत्र बनवाने में बड़ी अड़चन है।