शेष पदों के लिए दोबारा होंगे आवेदन, सीडीओ के अनुमोदन पर जारी होगा परिणाम
गोंडा। जिले के परिषदीय विद्यालयों में पढ़ाने वाले शिक्षकों की विषय विशेष में मार्गदर्शन के लिए चल रही एआरपी की चयन प्रक्रिया के आखिरी चरण तक 83 फीसदी शिक्षक परीक्षा में फेल हो गए। कुल 85 पदों के सापेक्ष 19 शिक्षक ही एआरपी की परीक्षा पास कर सके, जबकि माइक्रो टीचिंग और साक्षात्कार में डेढ़ गुना शिक्षक फेल हो गए। जल्द ही बीएसए की ओर से आवेदन लिए जाएंगे।

शिक्षा क्षेत्रों में हिंदी, विज्ञान, गणित, सामाजिक विज्ञान और अंग्रेजी विषय के 85 एआरपी पदों के लिए 134 शिक्षकों ने आवेदन किया था। इसमें से 108 शिक्षक ही लिखित परीक्षा में शामिल हुए, जबकि 26 शिक्षकों ने बिना परीक्षा दिए ही किनारा
जल्द मांगा जाएगा आवेदन
जिला समन्वयक (प्रशिक्षण) हरिगोविंद यादव ने बताया कि पहले चरण चयन प्रक्रिया के बावजूद भी जिले में अभी तक 66 पद खाली रह गए हैं, जबकि 19 का ही चयन हो सका है। बाकी पदों के लिए जल्द ही आवेदन मांगे जाएंगे। हालांकि पहली बार पूरी सख्ती से परीक्षा कराई गई है। माना जा रहा है कि अच्छे शिक्षकों का एआरपी की चयन से जिले की शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार होगा।
कर लिया था। डायट प्राचार्य व एडी बेसिक रामसागर पति त्रिपाठी की देखरेख में कराई गई परीक्षा में कुल 50 शिक्षक ही लिखित परीक्षा पास कर पाए थे। माइक्रो टीचिंग व देर रात तक चले साक्षात्कार में
31 शिक्षक छट गए। आखिरी तक सिर्फ 19 शिक्षक ही एआरपी बन पाए हैं। अधिकारियों का कहना है कि सबसे कम शिक्षक हिंदी विषय में एआरपी बन पाए हैं। खुद एडी बेसिक रामसागर पति त्रिपाठी और डायट प्रवक्ता ने एआरपी से जुड़े अहम सवाल किए।
इसमें कई शिक्षक आधारशिला समदर्शिका समेत कई महत्वपूर्ण सवालों का जवाब नहीं दे सके। उन्हें बाहर का रास्ता देखना पड़ा। एडी बेसिक रामसागर पति त्रिपाठी ने बताया कि बीएसए को नए सिरे से आवेदन लेने के साथ ही चयनित शिक्षकों का आखिरी परिणाम जारी करने के निर्देश दिए गए हैं। बीएसए अतुल कुमार तिवारी ने बताया कि सीडीओ के अनुमोदन के आधार पर परिणाम जारी किया जाएगा।